महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है. शिवसेना ने  बीजेपी के मिशन 2019 के लिए अच्छे संकेत नहीं दिए हैं. शिवसेना ने मुखपत्र सामना के संपादकीय में दो ऐसी बातें कही गई हैं जो बीजेपी के मुश्किल खड़ी करने वाली हैं. शिवसेना ने कहा है कि वह महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी. साथ ही यह भी कहा है कि 2014 की राजनीतिक दुर्घटना 2019 में नहीं होगी.
बीजेपी और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं
सामना के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है कि दिल्ली की तख्त पर कौन बैठेगा, ये शिवसेना में तय करने की क्षमता है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने निवास मातोश्री में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुलाकात की थी. लेकिन सामना के इस संपादकीय के बाद एक बार फिर साबित हो गया है कि बीजेपी और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं है.
दिल्ली में कसा जा रहा है सरकार का गला- शिवसेना
संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, ‘’साल 2014 की राजनीतिक दुर्घटना 2019 में नहीं होगी. सत्ता का उन्माद हम पर कभी चढ़ा नहीं और आगे भी नहीं चढने देंगे. देश में आज आपातकाल पूर्व परिस्थिति है क्या? ऐसे सवाल उपस्थित किए जा रहे हैं. कश्मीर में जवानों की हत्या जारी है. बहुमत से चुनकर दी गई सरकार का गला राजधानी दिल्ली में ही कसा जा रहा है. नौकरशाहों का ऐसा रवैया रहा तो चुनाव लड़ना और राज्य चलाना मुश्किल हो जाएगा.’’
2019 की गद्दी पर कौन बैठेगा, फैसला हम करेंगे- शिवसेना
आगे लिखा है, ‘’धूलभरी आंधी केवल दिल्ली में नहीं बल्कि पूरे देश में उठ चुकी है. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा विदेश यात्रा पर होते है, इसलिए इस आंधी के धूल के कण उनकी आंखों और सांसो में नहीं जा रहे हैं. जनता परेशान है, दुविधा में है. शिवसेना की राह कभी आसान नहीं रही है. उसकी राह हमेशा ऊबड़खाबड़ रास्तों से ही गुजरी है. इसके बावजूद भी शिवसेना इन रास्तों को पार करती आई है और आगे भी करेगी. महाराष्ट्र में शिवसेना अपने दम पर खुद की सरकार बनाएगी और दिल्ली के तख़्त पर कौन बैठेगा, राष्ट्रिय स्तर पर यह फैसला लेने की ताकत भी शिवसेना ही करेगी.’’
महाराष्ट्र विधानसभा की स्थितसाल 2014 के विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से बीजेपी ने 122, शिवसेना ने 60, कांग्रेस ने 42, एनसीपी ने 41 सीटें जीती थीं. इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग लड़े थे. क्योंकि चुनाव से पहले शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था. हालांकि बाद में बीजेपी ने शिवसेना से गठबंधन करके राज्य में अपनी सरकार बना ली थी.
वहीं, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से बीजेपी और शिवसेना ने 42 सीटें जीती थीं. ऐसे में अगले साल होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी शिवसेना से सभी मतभेदों को दूर करना चाहेगी. क्योंकि हाल के उपचुनाव में बीजेपी को विपक्ष से कड़ी टक्कर मिली है.
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