पान तो आपने बहुत खाए होंगे, पर क्या कभी माधुरी हनी स्वीट, चार इडियट, चॉकलेट विद कैरेमल, बटर स्कॉच, आरेंज डीप और मैंगो डिप्ड पान का स्वाद चखा है। अब आप सोच रहे होंगे कि भला यह भी कोई पान के नाम हैं।तो आपको बता दें कनॉट प्लेस स्थित पांडेय पान की दुकान पर सिर्फ यही नहीं, 170 प्रकार के पान की वैराइटी हैं, जिन्हें आप एक बार चख लेंगे तो तंबाकू वाले पान हमेशा के लिए भूल जाएंगे।
…जब हनुमान जी ले उड़े पान
एमएफ हुसैन अक्सर दुकान पर आते और पान खाने के एवज में कई बार पेंटिंग दे देते थे। फिल्म ‘गजगामिनी’ बनाने के दौरान एक दिन वह माधुरी दीक्षित को लेकर दुकान पर आए। उन दिनों शिवनारायण पांडेय के पुत्र देवी प्रसाद दुकान पर बैठते थे। उन्होंने माधुरी के लिए विशेष पान का बीड़ा तैयार किया। मगही पत्ते पर शहद से बना गुलकंद डाला और माधुरी को दिया। मुंह में डालते ही पान महज 30 सेकेंड में घुल गया। माधुरी ने पान की तारीफ की तो एमएफ हुसैन ने इस पर एक पेंटिंग बना डाली, जिसमें हनुमान जी संजीवनी बूटी की जगह पान लेकर उड़ रहे हैं। इसके बाद तो यह पान माधुरी पान के नाम से ही प्रसिद्ध हो गया।
भारतीयों का प्रवेश वर्जित था
स्व. शिवनारायण पांडेय ने सन् 1942 में इस दुकान की शुरुआत की। उन दिनों कनॉट प्लेस में भारतीयों का प्रवेश वर्जित था। लिहाजा वे चांदनी चौक से पान खरीद कर लाते और चोरीछिपे कनॉट प्लेस में बेचा करते थे। जब देश आजाद हुआ तब शिवनारायण ने जी ब्लॉक में पहली दुकान खोली। आज उनके पोते हरिओम पांडेय इस दुकान को चला रहे हैं।
मशहूर हस्तियों को भी भाया
गुजरते वक्त के साथ दुकान इतनी लोकप्रिय हो गई कि राजनीतिक हस्तियों समेत मशहूर लोग यहां पान खाने आने लगे। डॉ राजेंद्र प्रसाद, वीवी गिरी, एमएफ हुसैन सरीखे नामचीन लोग यहां के पान खाया करते थे। हरिओम पांडे कहते हैं कि दादा जी लोगों को तंबाकू का सेवन करने से मना करते थे। वे लोगों को तंबाकू से हटाकर मीठे पान की तरफ ला रहे थे। 1954 तक पान इतना मशहूर हो गया कि उसकी मांग राष्ट्रपति भवन में भी की जाने लगी। नेताओं की जुबान पर यहां के पान का ऐसा रंग चढ़ा कि सांसदों के फ्लैट में इनकी एक दुकान खुलवाई गई।
चश्मे बद्दूर की हुई शूटिंग
जावेद जाफरी की फिल्म चश्मे बद्दूर आनी थी। इस फिल्म के लिए जावेद जाफरी ने पान लगाने, ग्राहक का मनोरंजन करने और ग्राहकों को पान परोसने की कला सीखने के लिए एक हफ्ते की खास ट्रेनिंग ली। इसके लिए फिल्म की टीम ने उनके पान का स्टॉल लगवाया, जहां शिवनारायण पांडेय ने उन्हें ट्रेनिंग दी। इस खूबसूरत लम्हे की यादें आज भी दुकान में तस्वीर में सहेज कर रखी हुई है।
तंबाकू मुक्त की पहल
हरिओम कहते हैं, जब मैंने दुकान पर बैठना शुरू किया तब दादा ने कहा कि पान वैसा बनाओ, जैसा खुद खा सको। इसे ही मूल मंत्र मान मैंने पान को आधुनिक रंग देने की सोची और सन् 2000 में पहला चॉकलेट और बटर स्कॉच फ्लेवर का बीड़ा लगाया। इसके बाद तो हम नए-नए फ्लेवर जोड़ते चले गए। यहां गिफ्ट पैक भी मिलते हैं, जो 80 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक के है।
मौसमी फल वाले पान
यहां मौसम के हिसाब से पान तैयार होता है। जिस मौसम में जो फल उपलब्ध होता है उसको गुलकंद के साथ मिलाते हैं। आरेंज डिप स्वीट पान और मैंगो डिप स्वीट पान भी यहां मिलता है।
- पान की मिठास
- माधुरी हनी स्वीट
- बटर स्कॉच
- चार इडियट
- ओवर टेक स्वीट पान
- डाइट स्वीट पान
- स्वीट पान विद फ्रेश बेरियर
- ब्लूबेरी स्वीट पान
- स्ट्राबेरी
- क्रेनबेरी
- ब्लैक चेरी
- ब्लैकबेरी स्वीट
- स्वीट पान विद फ्रेश फ्रूट्स
- पीना कोलाडा
- किवी स्वीट
- कस्टर्ड एप्पल
- मस्कमेलन
- मैंगो स्वीट पान
- स्वीट पान विद नट्स
- हनी विद आलमंड
- अंजीर स्वीट पान
- पिस्ता स्वीट
- किशमिश
- काजू
- अखरोट