श्रीहरिकोटा। सार्क देशों के फायदे के लिए भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो इस वर्ष मार्च और अप्रैल में दो उपग्रहों के प्रक्षेपण की योजना बना रहा है ।
इसरो के चेयरमैन एएस किरन कुमार ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओ से कहा कि हम दो उपग्रहों के प्रक्षेपण की योजना बना रहे हैं जिनमें से एक का प्रक्षेपण इस साल मार्च में और दूसरे का अप्रैल में किया जाएगा। पूरे जोरशोर से इसकी तैयारियां चल रही है।
इसरो के अधिकारियों के अनुसार, जीएसएलवी मार्क द्वितीय सार्क उपग्रह को लेकर जाएगा और जीएसएलवी मार्क तृतीय संचार उपग्रह जीएसटी-19 का प्रक्षेपण करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर 2014 में नेपाल में सार्क (दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन) सम्मेलन में टेलीकम्यूनिकेशन और टेलीमेडिसिन समेत विभिन्न क्षेत्रों में क्षेत्रीय समूहों के सदस्यों के फायदे के लिए उपहार के तौर पर सार्क उपग्रह के प्रक्षेपण की घोषणा की थी।
पाकिस्तान ने इस परियोजना से बाहर रहने का फैसला किया था। सार्क उपग्रह को अब दक्षिण एशियाई उपग्रह कहा जा रहा है।चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के बारे में इसरो के चेयरमैन ने कहा कि हमने 2018 की पहली तिमाही में इसके प्रक्षेपण की योजना बनाई है। एजेंसी की मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की योजना के बारे में किरन कुमार ने कहा कि यह अभी हमारी प्राथमिकता में नहीं है।

इसरो की वेबसाइट के अनुसार चंद्रयान-2 चांद पर पहुंचने का भारत का दूसरा अभियान है जो पहले के चंद्रयान-1 का उन्नत रूप है। इसमें एक ओर्बिटर, लैंडर और रोवर है।
इस बीच भारत की अंतरिक्ष व्यापार कंपनी एंट्रिक्स कॉपोर्रेशन के सीएमडी राकेश ने कहा कि कंपनी को अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों से 500 से 600 करोड़ रुपये मूल्य के आर्डर मिले हैं। इसरो अधिकारियों ने कहा कि पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों काटोर्सैट सीरीज के तहत अप्रैल में काटोर्सैट-2ई के प्रक्षेपण का भी प्रस्ताव है।
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