देहरादून। राजनीतिक प्रदर्शन के दौरान चोट लगने से मृत हो गए पुलिस घोड़े शक्तिमान को लेकर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है। उत्तराखंड में देहरादून के रिस्पना चैक पर मृत घोड़े शक्तिमान का स्टेच्यू तीन दिन पहले विधानसभा तिराहे पर बनवाया गया था। जो कि मंगलवार सुबह सूर्योदय से पूर्व ही चार बजे हटा लिया गया। मूर्ति को क्यो हटवाया गया इसे लेकर तरह – तरह की चर्चा की जा रही है। दरअसल प्राप्त जानकारी के तहत इस मामले में दावा किया जा रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री के अंधविश्वास के कारण यह कदम उठाया गया है। आगामी समय में विधानसभा का चुनाव होना है, ऐसे में यह मूर्ति शिल्प को तिराहे से हटा दिया गया। उल्लेखनीय है कि शक्तिमान की स्मृति में विधानसभा तिराहे का नामकरण करने और वहां पर शक्तिमान की मूर्ति लगाने की घोषणा मुख्यमंत्री हरीश रावत ने की थी। पुलिस महकमे ने 9 जुलाई को इस तिराहे पर शक्तिमान की मूर्ति स्थापित भी की थी। गौरतलब है कि 14 मार्च को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा कूच का आंदोलन चलाया। इस दौरान पुलिस के घोड़े शक्तिमान की पिछली टांग टूट गई थी। शक्तिमान के उपचार के लिए अमेरिका से चिकित्सक लाए गए मगर इसके बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। उसे कृत्रिम पांव लगाया गया। आखिर 20 अप्रैल को शक्तिमान की मृत्यु हो गई। इस मामले में जमकर राजनीति हुई तो दूसरी ओर भाजपा विधायक गणेश जोशी और अन्य नेताओं को गिरफ्तार किया गया। हालांकि बाद में इन नेताओं को छोड़ दिया गया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बाद में घोड़े शक्तिमान की याद में तिराहे का नामकरण करने की बात कही थी।
		
		
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