रायपुर। देश की आजादी के बाद पहली बार सुकमा जिले के गोमपाड़ गांव में तिरंगा फहराया जाएगा। नक्सल प्रभावित गोमपाड़ में अब तक स्वतंत्रता दिवस पर नक्सली काला झंडा ही फहराते रहे। इस साल 9 अगस्त से 15 अगस्त तक दंतेवाड़ा से गोमपाड़ तक दो सौ किलोमीटर पैदल मार्च कर देश भर के बस्तर सालिडेरिटी ग्रुप के सदस्य गांव पहुंचेंगे और वहां तिरंगा फहराएंगे।
इसी गांव की मड़कम हिड़मे की पिछले महीने पुलिस ने हत्या कर दी थी। हाईकोर्ट के आदेश पर मड़कम के मामले की न्यायिक जांच चल रही है। सर्व आदिवासी समाज, पीयूसीएल, जगदलपुर लीगल एड, कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता व मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, हैदराबाद, कोलकाता आदि विश्वविद्यालयों के छात्रों के बस्तर सालिडेरिटी फोरम ने पैदल मार्च में शामिल होने की सहमति दी है।
सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने बताया कि उनका उद्देश्य सरकार व नक्सलियों दोनों को यह दिखाना है कि आदिवासी कैसे विषम स्थिति में रहते हैं। पैदल मार्च में रिपब्लिकन पेंथर तथा कबीर कला मंच महाराष्ट्र का कला जत्था भी शामिल होगा।
शुक्रवार को पैदल मार्च की तैयारियों के सिलसिले में रायपुर के गॉस मेमोरियल हाल में मानवाधिकार वादियों की बैठक हुई जिसमें सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष डीएस मंडावी, सोनी सोरी, संजय पराते, संकेत ठाकुर, नंद कश्यप, ईशा खंडेलवाल, कमल शुक्ला आदि उपस्थित थे।
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