पृथ्वी शॉ के लिए चीजें तेजी से होती जा रही हैं। इस साल की शुरुआत में शॉ की कप्तानी में भारतीय अंडर-19 टीम विश्व कप चैंपियन बनी। अब मौजूदा इंग्लैंड सीरीज पर अंतिम दो टेस्ट के लिए शॉ का चयन टीम इंडिया में हुआ और ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि द ओवल में होने वाले सीरीज के पांचवें व अंतिम टेस्ट में उन्हें टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिल सकता है।शॉ को लोकेश राहुल की जगह मौका मिल सकता है, जिनका मौजूदा सीरीज में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। राहुल ने लगातार चार टेस्ट खेले, लेकिन उनका बल्ला पूरी तरह खामोश रहा। हालांकि, दूसरी स्लिप में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा, लेकिन टीम प्रबंधन का धैर्य उनकी बल्लेबाजी को देखते हुए जवाब देने लगा। यही वजह है कि पृथ्वी शॉ के अंतिम एकादश में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इसके अलावा रविचंद्रन अश्विन का भी अंतिम टेस्ट में खेलना मुश्किल नजर आ रहा है। अश्विन चौथे टेस्ट के लिए फिट होकर खेले, लेकिन वह अपने रंग में नजर नहीं आए। उम्मीद जताई जा रही है कि अश्विन की जगह पांचवें टेस्ट में रविंद्र जडेजा को मौका मिल सकता है।
बहरहाल, 18 वर्षीय शॉ को नेट सत्र पर लगातार अभ्यास करने का मौका मिला। बता दें कि शॉ ने अब तक सिर्फ 14 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। हालांकि, उनका प्रदर्शन इस दौरान शानदार रहा है। पृथ्वी पहली बार 14 साल की उम्र में साल 2013 में सुर्खियों में आए। उस समय उन्होंने रिजवी स्कूल की तरफ से खेलते हुए अंडर-16 स्कूल टूर्नामेंट में 300 गेंदों में 546 रन बनाकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया।
शॉ का बचपन काफी संघर्ष में बीता है। वह प्रैक्टिस करने के लिए रोजाना 2 घंटे का सफर तय करके मुंबई में विरार से चर्चगेट तक जाते थे। क्रिकेट अभ्यास छोड़ना उनके लिए किसी पाप से कम नहीं था। आईपीएल 2018 में पृथ्वी को दिल्ली डेयरडेविल्स ने 1.2 करोड़ में खरीदा था। दिल्ली ने उन्हें उनके बेस प्राइस (20 लाख) से 6 गुना ज्यादा रकम देकर अपनी टीम में शामिल किया था।
हाल ही में पृथ्वी ने इंडिया ‘ए’ की तरफ से खेलते हुए चार शतक अपने नाम किए हैं। उन्होंने वेस्टइंडीज ‘ए’ के खिलाफ 102, लीसेस्टरशायर के खिलाफ 132, दक्षिण अफ्रीका ‘ए’ के खिलाफ 136 और वेस्टइंडीज ‘ए’ के खिलाफ 188 रन बनाए थे।