नई दिल्ली। भारत ने औपचारिक तौर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए भाषण की निंदा करते हुए पाक को ‘आतंकी देश’ की संज्ञा दी और कहा कि आतंकवाद ही मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन है। नवाज़ शरीफ के भाषण पर उत्तर देने के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि आतंकवाद को देश की नीति की तरह प्रयोग में लाया जाना युद्ध अपराध (वॉर क्राइम) है । भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत समेत सभी पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहे हैं जिसके परिणाम इस क्षेत्र के बाहर भी देखने को मिल रहे हैं ।
पिछले सप्ताह ही विश्व समुदाय ने 15 वर्ष पहले न्यूयॉर्क में हुई सबसे भयानक आतंकवादी घटना में मारे गए लोगों को श्रंद्धांजलि दी । सारा विश्व अभी तक यह भूला नहीं है कि उस आतंकी हमले का मूल पाकिस्तान के शहर ऐबटाबाद में था । भारतीय प्रतिनिधि का संकेत ओसामा बिन लादेन की ओर था जो ऐबटाबाद में पाकिस्तान के संरक्षण में छिपा था और जिसे अमेरिकी सैनिकों ने मार गिराया था। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि एक समय तक्षशिला प्राचीन समय का सबसे बड़ा शिक्षा केंद्र था लेकिन आज आतंकवाद की पाठशाला (”आइवी लीग”) बन गया है। यह दुनियाभर से ”उम्मीदवारों और प्रशिक्षुओं” को आकर्षित करता है। इसके विषाक्त पाठ्यक्रम का असर अब दुनिया भर में लोग महसूस कर रहे हैं।पाकिस्तान की खिल्ली उड़ाते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि यह विडंबना है कि वह देश जो विश्वभर में आतंकवाद का केंद्रबिंदु है, मानवाधिकार और आत्मनिर्णय के विषय में ज्ञान दे रहा है । भारत ने कहा कि पाकिस्तान प्रधानमंत्री के महासभा में दिए गए ”पाखंडी उपदेश” से कुछ ही घंटे पूर्व भारत की राजधानी दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय ने तलब किया और उसे उरी में हुए आतंकी हमले के विषय में भारत का कड़ा विरोध जताया । इस हमले में 18 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे । उरी का यह आतंकवादी हमला आतंकियों द्वारा घुसपैठ और हमलों की एक कड़ी है जो पाकिस्तान ने भारत के विरुद्ध हमलों की लिए शुरू की है ।
भारत पाकिस्तान में एक आतंकवादी राज्य देखता है जो करोड़ों डॉलर, जिसमें अधिकतम विश्व सहायता के रूप में उसे मिलती है, आतंकवादियों के प्रशिक्षण, आर्थिक और अन्य सहायता के लिए इस्तेमाल करता है ताकि वह पड़ौसी देशों में आतंक फैला सके। आतंकवादी संस्थाएं, उनके नेता जिनमें कई संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित हैं, स्वतंत्र रूप से पाकिस्तान की सड़कों पर घूमते हैं और उन्हें पाकिस्तानी सरकार का समर्थन और संरक्षण मिला हुआ है। पाकिस्तानी अधिकारियों के समर्थन और सहयोग से काफी सारे आतंकवादी गुट खुले-आम आतंकवादी घटनाएं अंजाम देने के लिए चन्दा एकत्रित करते हैं ।
बुरहान वानी का नाम लिए बिना भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि कुछ देर पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हिज़्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन के स्वयंभू कमांडर की प्रशंसा की थी ।नवाज़ शरीफ ने अपने भाषण में बुरहान वानी का भी ज़िक्र किया था । भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश हैं जहां लोकतंत्र का अभाव है । यह अपने लोगों के प्रति भी आतंकवाद का प्रयोग करता है । पाकिस्तान कट्टरपंथियों की सहायता करता है, अल्पसंख्यकों और महिलाओं का शोषण करता है और कठोर क़ानूनों के द्वारा बुनियादी मानव अधिकारों से भी अपने लोगों को वंचित रखता है ।दूसरी ओर भारत एक मज़बूत लोकतंत्र होने के नाते अपने लोगों को जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद से सुरक्षा देने के लिए कटिबद्ध है । भारत आतंकवाद को कदापि सहन नहीं करेगा।प्रतिनिधि ने कहा पाकिस्तान जिसका परमाणु प्रसार रिकार्ड धोखे और छल से चिह्नित है, संयम, त्याग और शांति के बारे में बात कर रहा है । ऐसे ही बेतुके और झूठे आश्वासन भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के विषय में दिए गए थे। पाकिस्तान को आत्म-संयम और त्याग की शुरुआत पहले अपने देश से ही करनी चाहिए।