लखनऊ। राजधानी स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय में अपनी मांगों के समर्थन में तालाबंदी कर हड़ताल करने वाले आंदोलित छात्रों ने शुक्रवार को लविवि परिसर में जमकर हंगामा काटा। उन्होंने न केवल जबरन कक्षाओं को बंद कराने की कोशिश की बल्कि प्रदर्शन के दौरान उन्हें समझाने के लिए पहुंचे पुलिस के बड़े अधिकारियों से भी तीखी झड़प कर बैठे। इसके बाद पुलिस ने अनुपम, पूजा शुक्ला, सुधांशु, सतीश शर्मा सहित कई छात्रों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया। आंदोलित छात्रों के खिलाफ लविवि प्रशासन की ओर से परिसर में अराजकता फैलाने आम छात्रों के लिए भय का माहौल पैदा करने के आरोपों के साथ रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर नामजद प्रार्थनापत्र दिया गया है।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने सुबह 11 बजे से ही परिसर में घूमघूम कर कक्षाओं को बंद कराने का प्रयास किया। इसको लेकर उनकी नोंकझोंक शिक्षकों सहित आम पढने वाले छात्रों से भी हुई। कक्षाओं को बंद कराने में असफल आंदोलित छात्र गेट नंबर एक के पास धरने पर बैठ गए और लविवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बताते चलें कि अपनी मांगों के समर्थन में आईसा, एसएफआई व समाजवादी छात्रसभा से जुड़े तकरीबन सात से आठ छात्रनेताओं ने अपनी कई मांगों के समर्थन में शुक्रवार को परिसर में जालाबंदी कर आम हड़ताल करने की चेतावनी जारी की थी। इसका एक दिन पूर्व ही संज्ञान लेते हुए आंदोलित छात्रों के साथ कुलपति ने प्रत्येक मांग बिंदु पर गुरुवार को ही बातचीत कर उसे सुलझाने के निर्देश दे दिए थे। लविवि की कुलानुशासक ने बताया कि जब कुलपति की ओर से छात्रों की मांगों को मानते हुए उनके बारे में निर्देश जारी कर दिए गए थे। तो हड़ताल करने का कोई औचित्य ही नहीं था। उन्होंने कहा कि एक दिन पूर्व ही छात्रों से कह दिया गया था कि वह किसी भी प्रकार का कोई ऐसा कृत्य नहीं करेंगे जिससे आम छात्रों व लविवि कर्मचारियों को कोई परेशानी हो।
एक दिन पूर्व ही हड़ताल की जानकारी लविवि चौकी प्रभारी व उनके उच्चधिकारियों को लविवि के प्रॉक्टोरियल बोर्ड की ओर से दे दी गई थी। इसके बावजूद जब सुबह छात्रों ने हड़ताल के नाम पर सुबह परिसर में बवाल काटना शुरू किया तो वहां कोई पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद ही नहीं था। ऐसे में लविवि की कुलानुशासक ने खुद मोर्चा संभाला और अपने बोर्ड के सदस्यों की मदद से आंदोलित छात्रों को एक नेबर गेट तक खदेड़ कर बाहर किया। इसके बाद मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी महानगर ने मोर्चा संभाला।
हड़ताल के खिलाफ उतरा एबीवीपी-
जहां एक ओर आईसा, एफएसआई और समाजवादी छात्रसभा के छात्र कैंपस में तालाबंदी करने को आमादा थे। तो वहीं दूसरी ओर एबीवीपी के कुछ छात्र अनुराग तिवारी की अगुवाई में इसकी खिलाफत कर रहे थे। इन दोनों पक्षों में कई बार झड़प हुई लेकिन कोई अनहोनी की घटना नहीं घटी। आईसा की ओर से एबीवीपी के छात्रनेताओं के खिलाफ छात्राओं से अभद्रता करने और उनपर अश्लील फब्बतियां कसने के आरोप लगाए गए हैं। जबकि एबीवीपी के नेताओं का कहना है कि उन्होंने व आम छात्रों ने कैंपस में कक्षाओं को बंद कराने का विरोध किया था इसलिए उनपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। लविवि के कुलानुशासक प्रो. निशी पांडेय ने कहा कि आंदोलित छात्रों की मांगों पर एक दिन पूर्व ही सहमति बन गई थी। इसके बावजूद कुछ छात्रों ने परिसर में कक्षाएं बंद कराने को लेकर भय का माहौल पैदा किया। इस दौरान कोई भी अप्रिया घटना घट सकती थी। पुलिस की ओर से छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन छात्रों ने लविवि प्रशासन को इनके लिए कुछ भी बोलने लायक नहीं छोड़ा है।