लखनऊ । लविवि ने अपनी पिछली गलतियों से कोई सबक नहीं ले रहा है। इसका ताजा उदाहरण विश्वविद्यालय में चल रही प्रवेश प्रक्रिया में देखने को मिल रहा है। इस वर्ष भी खेल कोटा से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का प्रवेश प्रमाण-पत्रों की बिना जांच के ही पूरा किया जा रहा है। जबकि इसके पूर्व जांच में गलत प्रमाण-पत्रों पर प्रवेश लेने वालों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की अपनाई जा चुकी है। लखनऊ विश्वविद्यालय में स्पोर्ट्स में बिना देखे ही आवेदन ले लिये गये हैं। कोटे से प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों के प्रपत्रों की जांच नहीं हुई है। जिससे वह शंका के घेरे में हैं। पिछली बार भी ऐसे ही किया गया था बाद में जब जांच की गई तो एक दर्जन से अधिक मामले पाये गये थे जिनमें बाद में एफ आईआर भी हुई थी। विवि सूत्रों की माने तो इस सत्र 4 से पाचं ऐसे ही प्रवेश हो गये जिन पर कोटा लागू ही नहीं होता। इसलिए प्रवेश के समय सभी खेलकूद कोटों वालों की सूची जारी की जाती है और अभी तक विवि इससे बच रहा है।
क्या है नियम-
अन्तरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाडिय़ों का प्रवेश बिना एथेलेटिक एसोसिएशन के रिकमडेशन पर कर दिया जाता है। उसके लिए शर्त है कि उसने राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय में भागीदारी जरूर की हो। छात्रसंगठनों ने तरेरी आंखें समाजवादी छात्रसभा के सचिव अनिल मास्टर की मानें तो ऐसा प्रवेश फ र्जी है। विवि पिछली बार की चोंट खाने की बाद भी नहीं चेता और प्रवेश में धांधली कर रहा है। इस बारे लखनऊ विवि के कुलपति और कुलसचिव को लिखित शिकायत दी गई है। जांच बिना प्रवेश हुए तो आन्दोलन होगा। वहीं अखिल भारती विद्यार्थी परिषद के महानगर संगठन मंत्री अभिलाष मिश्रा का कहना है कि लखनऊ विवि प्रवेश से लेकर नियुक्तियों पर हर जगह धांधली हो रही है। चहेतों को ही सीटें मिल रही हैं।
वर्जन-
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। मामले के बारे पता करके अगर प्रवेश नियमों के विरूद्ध है तो रद्द किया जायेगा।
प्रो.एनके पाण्डेय लविवि प्रवक्ता
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