नई दिल्ली। केंद्र में लोकपाल और राज्यों में प्रभावी लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग करनेवाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किये हैं ।वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने एक जनवरी 2014 को ही लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 पर हस्ताक्षर कर इसे कानून का शक्ल दे दिया है। लेकिन कार्यपालिका ने इस अधिनियम की धारा 3 के तहत लोकपाल का अभी गठन नहीं किया है । कई राज्यों में अभी भी लोकायुक्त के पद रिक्त हैं। इस अधिनियम की धारा 63 के मुताबिक इस कानून के लागू होने के एक साल के भीतर सभी राज्य अपने यहां लोकायुक्त की नियुक्ति करेंगे ।याचिका में कहा गया है कि कई राज्य सरकारें लोकायुक्त को कमजोर करने में लगी हैं । लोकायुक्तों को पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर, बजट और काम करनेवाले लोग मुहैया नहीं कराये जा रहे हैं । लोकायुक्त के लिए हर जिलों में एसपी, अभियोजन शाखा नहीं बनाई जा रही है जिसकी वजह से मुकदमों का अंबार लगा हुआ है ।
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