लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अब के साथ ही अब जच्चा-बच्चा का भी इलाज हो सकेगा। अब प्रदेश के नवजात शिशुओं को गंभीर समस्या होने पर और अच्छा इलाज मिल सकेगा। इसके साथ ही पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट भी यहां होगें। जिससे जन्मजात दिल की बीमारी से जूझ रहे नवजात को नयी जिन्दगी मिलने की आस जगी है। अभी तक पूरे प्रदेश मे इस प्रकार की चिकित्सीय सुविधा केवल केजीएमयू तथा एसजीपीजीआई में ही उपलब्ध थी। इन संस्थानों में भी एनआईसीयू में भर्ती बच्चों को पीडियाट्रिक चिकित्सकों से ही इलाज मिलता है।
इससे प्रदेश में पहली बार डीएम नियोनोटोलॉजी चिकित्सक आने की उम्मीद बंधी है। लोहिया संस्थान में अब एक ही छत के नीचे महिलाओं तथा बच्चों का पूरा इलाज हो सकेगा। अगस्त तक इसका निर्माण पूरा हो जाने की उम्मीद है। वहीं लोहिया संस्थान प्रशासन ने भी सरकार से इस यूनिट के लिए पदों की मांग भी कर ली है। लोहिया संस्थान के एमसीएच यूनिट में 200 बेड होंगे। जहां पर जच्चा एवं बच्चा का पूरा इलाज मुफ्त होगा।
हाइटेक होगा पूरा अस्पताल-
इस यूनिट में डिलीवरी,पीडियाट्रिक,गाइनो,पीडियाट्रिक गैस्ट्रोलॉजी,पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक अपथैलमलॉजी के विशेषज्ञ मौजूद होगें। इसके साथ ही 10 वेड की वेंटीलेटर यूनिट होगी। वहीं 10 वेड एनआईसीयू तथा 10 वेड का एसएनसीयू होगा। जहां पर प्री मेच्योर बेवी का इलाज हो सकेगा। लोहिया संस्थान के निदेशक डा. दीपक मालवीय का कहना है कि इसके शुरू हो जाने से गंभीर बीमारियों में ग्रसित बच्चों का इलाज संभव हो पायेगा।
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