संन्यास ले चुके क्रिकेटरों का टी20 लीग में खेलना आम बात है लेकिन भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि जब वह संन्यास लेंगे तो दोबारा बल्ला नहीं पकड़ेंगे. जब यह पूछा गया कि क्या संन्यास लेने या बीसीसीआई के प्रतिबंध हटाने पर वह ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में खेलेंगे तो कोहली ने कहा कि निश्चित तौर पर संन्यास लेने के बाद वह इस तरह के किसी टूर्नामेंट के लिए उपलब्ध नहीं होंगे.
30 के विराट कोहली इस समय बेहतरीन फॉर्म हैं. वे हर मैच के साथ अपने व्यक्तिगत और कप्तानी रिकॉर्ड बेहतर करते जा रहे हैं.ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शनिवार को होने वाले पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच की पूर्व संध्या पर भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘देखिये मुझे नहीं पता कि भविष्य में इस तरह के रुख में बदलाव आता है या नहीं. जहां तक मेरा सवाल है तो एक बार संन्यास लेने के बाद और क्रिकेट खेलना, ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं लगता कि मैं उन लोगों में शामिल हूं.’’
बड़े खिलाड़ी टी20 लीग खेलते हैं रिटायर होने के बाद
एबी डिविलियर्स और ब्रेंडन मैकुलम जैसे संन्यास ले चुके क्रिकेटर नियमित तौर पर आईपीएल और बिग बैश लीग जैसी टी20 लीग में खेलते हैं लेकिन कोहली ने कहा कि उनकी इस सूची मे जुड़ने में कोई रुचि नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच साल में मैंने पर्याप्त क्रिकेट खेला है और मैं इस पर भी टिप्पणी नहीं कर सकता कि संन्यास लेने के बाद मैं पहली चीज क्या करूंगा क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैं दोबारा बल्ला उठाऊंगा.’’
यह बताई वजह विराट ने
कोहली ने कहा, ‘‘जिस दिन मैं खेलना बंद करूंगा उस दिन मेरी सारी ऊर्जा खत्म हो चुकी होगी और यही कारण है कि मैं क्रिकेट खेलना छोड़ दूंगा. इसलिए मुझे स्वयं के दोबारा मैदान पर उतरकर खेलने की संभावना नहीं दिखती.’’ इस बयान से साफ है कि विराट लंबे समय तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का मन बना चुके हैं. अपनी फिटनेस पर बहुत ज्यादा ध्यान देने वाले काफी समय से पीठ के दर्द से परेशान हैं. इसके बावजूद वे बिना किसी परेशानी के लगातार क्रिकेट खेल पाने में सफल रहे हैं.
वर्ल्ड कप के लिए तैयारी मजबूत है भारत की
कप्तान ने अपनी टीम के बल्लेबाजी क्रम की जमकर तारीफ की और कहा कि इंग्लैंड में 30 मई से शुरू हो रहे एकदिवसीय विश्व कप से पूर्व बल्लेबाजी क्रम काफी मजबूत नजर आ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 12 महीने में एकदिवसीय मैचों में हमारी बल्लेबाजी काफी मजबूत रही और इसमें सलामी बल्लेबाजों की बड़ी भूमिका रही. बीच में ऐसा चरण था जब हमने बीच के ओवरों की समस्या का हल निकाला और 25 से 40 ओवर तक अपनी बल्लेबाजी शैली में बदलाव का प्रयास किया.’’ कोहली का मानना है कि भारतीय टीम का संतुलन प्रत्येक विभाग में बेहतरीन है.
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