
बैठक के बाद महिलाएं गांव में शराब बंदी अभियान शुरू करते हुए गांव में चार जगहों पर संचालित शराब भट्ठी संचालकों के पास जाकर चेतावनी दी. कहा सोमवार से शराब बेचना बंद कर दें. एक दिन की मोहलत दी जाती है. मंगलवार को शराब बचते पकड़े गये तो दस हजार जुर्माना लगेगा. भट्ठी में कोई शराब पीते पकड़े गये, तो पांच हजार जुर्माना देना होगा. नियमों को नहीं मानेगा उसे गांव से बहिष्कार कर दिया जायेगा.
अभियान में सुबला सोरेन, लक्ष्मी, राजू सबर, लता मानकी, बालिका पात्र, कल्याणी मुंडा, प्रमिला मुंडा, वीणा पानी मुंडा, उमेश मुंडा, अशोक मल्ल, राजेन मुंडा, गणेश मुंडा समेत अन्य शामिल थे.
हड़िया बेचने पर भी प्रतिबंध
महिलाओं ने कहा सुसनीगढ़िया मुंडा बहुल गांव है. यहां करीब 85 परिवार निवास करते हैं. नशा से बच्चों और महिलाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है, इसलिए गांव में अब शराब बंद करेंगे. इसके साथ गांव में हड़िया बचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. हां कोई घर में बनाकर खुद पीते हैं, तो उस पर रोक नहीं है. चूंकि आदिवासी समाज की परंपरा से हडि़यां जुड़ा है. परंतु हड़िया बनाकर गांव में बेचने पर प्रतिबंध रहेगा.