जबलपुर। निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत आदिवासी बहुल कुंडम क्षेत्र में पांच करोड़ रुपए के शौचालय घोटाले में कलेक्टर ने तीन अफसरों को बर्खास्त का नोटिस दिया है। हालांकि कलेक्टर की इस कार्रवाई पर एक ऐसे अधिकारी को सजा का सामना करना पड़ा है जो घोटाले के समय किसी अन्य जिले में पदस्थ था।
उल्लेखनीय है कि शौचालय घोटाले के मामले में जिला पंचायत और भोपाल के वरिष्ठ अफसरों ने भ्रष्टाचार के आरोपियों को बचाने का हरसंभव मदद की, लेकिन खुलासा होने के बाद आरोपियों को बचने का कोई मौका नहीं दिया गया। स्वच्छ भारत अभियान के जिला परियोजना समन्वयक आशीष ब्यौहार, कुंडम जनपद के ब्लॉक को-आर्डीनेटर जागेश्वर बडग़ैया को शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार करने का दोषी पाते हुए बर्खास्तगी का नोटिस दिया गया है जबकि परियोजना अधिकारी भूपेन्द्र मेहरा को निरीक्षण में लापरवाही पर टर्मिनेट किया गया है।
कलेक्टर द्वारा परियोजना अधिकारी भूपेन्द्र मेहरा को बर्खास्तगी का नोटिस दिए जाने के बाद जिला पंचायत में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। सूत्रों का कहना है कि घोटाले के वक्त परियोजना अधिकारी जिले में पदस्थ ही नहीं थे। जिला पंचायत गलियारों में इस बात की चर्चाएं जोरों पर हैं कि भूपेन्द्र मेहरा को जानबूझकर उन लोगों ने फंसाया जो कार्रवाई में फंसने से भयभीत थे। कलेक्टर को जिला पंचायत के वरिष्ठ अफसरों ने गुमराह कर वास्तविक स्थिति से दूर रखा, इससे भूपेन्द्र मेहरा भी कार्रवाई के लपेटे में आ गए।
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