गुवाहाटी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ टिप्पणी करने के एक मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को असम के एक कोर्ट ने समन भेजा है। राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया गया है और इसी सिलसिले में मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने शनिवार को उन्हें समन भेजा। मामला पिछले साल बारपेटा के एक मंदिर में एंट्री से जुड़ा हुआ है।
कामरूप के चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट संजय हजारिका ने 21 सितंबर को राहुल गांधी को कोर्ट में पेश होने और भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत मुकदमे का सामना करने को कहा। बता दें कि इस धारा के तहत अगर किसी को किसी दूसरे शख्स की मानहानि करने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल जाना पड़ सकता है और सजा की यह अवधि अधिकतम दो साल तक की भी हो सकती है। इसके अलावा जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर सजा और जुर्माना दोनों साथ हो सकते हैं।
गौरतलब हो कि इससे पहले दो अगस्त को मामले की सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने तब राहुल गांधी को बतौर आरोपी समन भेजने के बारे में छह अगस्त को फैसला देने को कहा था। राहुल के खिलाफ सीजीएम कोर्ट में आरएसएस के वॉलंटियर अंजन बोरा ने इस बारे में मामला दर्ज कराया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल ने यह कहकर संगठन (संघ) की छवि को खराब किया था कि आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें बारपेटा सत्र में नहीं घुसने दिया था। वाकया 12 दिसंबर 2015 का है। बोरा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी 12 दिसंबर 2015 को सत्र में जाने वाले थे लेकिन वह खुद ही वहां नहीं गए और उसके बदले वह एक पदयात्रा में शामिल हुए।