भारत ने घर में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार पांचवीं द्विपक्षीय वन-डे सीरीज जीती। मेहमान टीम ने आखिरी बार 1984-85 में यहां सीरीज जीती थी।
विराट कोहली ने फुल टाइम कैप्टन बनने के बाद अपनी पहली वनडे सीरीज में जीत दर्ज की। वह ऐसा करने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बने। उनसे पहले सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ यह कारनामा कर चुके हैं।
भारत ने दूसरे वनडे में 381/6 का स्कोर बनाया। इसके साथ ही टीम इंडिया वमडे में सबसे ज्यादा बार 350 से अधिक रन बनाने वाली टीम बन गई है। भारत ने 23 बार ऐसा किया है, जबकि दक्षिण अफ्रीका 22 बार ये कमाल करने के बाद दूसरें नंबर पर है।
युवराज ने 150 रन बनाए और इंग्लैंड के खिलाफ वन-डे में सर्वाधिक रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज बने। उन्होंने सचिन तेंदुलकर के 120 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ा रिकॉर्ड। यह वनडे में युवराज का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है।
एमएस धोनी और युवी के बीच हुई 256 रन की साझेदारी इंग्लैंड के खिलाफ चौथे विकेट के लिए भारत की तरफ से सबसे बड़ी पार्टनरशिप है। वन-डे इतिहास में चौथे विकेट के लिए भारत की तरफ से धोनी-युवराज की दूसरी सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है।
धोनी और युवराज के बीच यह 10वीं शतकीय साझेदारी रही। यह पांचवीं भारतीय जोड़ी बन गई है, जिसने वन-डे क्रिकेट में 100 से अधिक रन की साझेदारी 10 या अधिक बार की है।
धोनी ने तीन वर्ष बाद वन-डे में शतक जमाया। इससे पहले उन्होंने 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में नाबाद 139 रन की पारी खेली थी। इंग्लैंड के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर बनाने के मामले में युवराज सिंह विश्व के बल्लेबाजों में छठें स्थान पर मौजूद हैं।
धोनी भारत की तरफ से सर्वाधिक छक्के ज़माने वाले पहले बल्लेबाज और विश्व में चौथे बल्लेबाज बने। 200 छक्के लगाने वाले पहले भारतीय बने धोनी। उनसे पहले भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 195 छक्के सचिन तेंदुलकर ने लगाए थे। 4000 रन भारतीय सरजमीं पर बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बने धोनी।
युवराज सिंह ने 6 वर्ष के बाद वन-डे में अपना 14वां शतक लगाया। इससे पहले उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 विश्व कप में शतक लगाया था जो चेन्नई में खेला गया था। इस शतक के लिए युवराज ने 2131 दिनों का इंतजार किया।