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सपा-कांग्रेस गठबंधन के मद्देनजर मायावती ने बदली रणनीति

उंंंलखनऊ । समाजवादी पाटी का कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल तथा अन्य छोटी-छोटी पार्टियों के साथ प्रस्तावित गठबंधन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव के लिये बदलते परिवेश में बहुजन समाज पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतादाताओं में पैठ बढाने के लिये अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव शुरू कर दिया है। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर पहले चरण में मतदान 11 फरवरी को होना है । बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने कैडरों से चुनाव प्रचार जारी रखने को आदेश दिया है।

उन्होने मीडिया से दूरी बनाये रखने तथा चुनाव रैलियों में तेजी लाने के निर्देश दिये है। बसपा अध्यक्ष की मेरठ और अलीगढ में आगामी एक फरवरी को रैली प्रस्तावित है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि बसपा अध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 12 से अधिक रैलियों को संबोधित करेंगी जहां पहले चरण में 11 फरवरी तथा दूसरे चरण के लिये 15 फरवरी को मतदान होना है ।

इन रैलियों के जरिए मायावती खासतौर पर मुस्लिम मतदाताओं को बतायेंगी कि कैसे सपा मुखिया मुलायम सिंह भाजपा के इशारे पर काम करते है और उन्होंने भाजपा के ही इशारे पर बिहार विधानसभा चुनाव में बने महागठबंधन से अपनी पार्टी को बाहर कर लिया था।

इसके साथ ही बसपा अध्यक्ष अभी हाल ही में सपा मुखिया के उस बयान का भी जिक्र करेंगी जिसमें उन्होंने मुस्लिम डीजीपी के तैनाती पर अखिलेश के विरोध का जिक्र किया था। इसके अलावा बसपा सुप्रीमों एक पुस्तिका भी छपवाई है, जिसमें सपा और भाजपा की नजदीकियों का ब्यौरा दिया गया है।

बसपा अध्यक्ष ने चुनाव के अपनी रणनीति में बदलाव के संकेत दिये है और उस पर काम करना शुरू कर दिया है। बसपा अध्यक्ष ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां से मुस्लिम प्रत्यशियों को चुनाव मैदान में उतारा उसके लिये नई रणनीति के तैयार करने के लिये पार्टी के करीबी कुछ नेताओं को बुलाया है। राज्य में बदलते राजनीतिक परिवेश में बसपा मुस्लिस वोटो पर पकड बनाये रखना चाहती है ।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा ने पहले दो चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में 36 मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। सूत्रों ने बताया कि चुनाव तैयारियों के साथ बसपा अध्यक्ष सपा में चल रही राजनीतिक हलचलों पर पूरी तरह नजर गडायें है। प्रदेश में सत्तारूढ होने के लिये बसपा की नजर मुस्लिस- दलित वोटों पर है।

बसपा को आशंका है कि सपा और कांग्रेस के गठबंधन होने पर उसका दलित -मुस्लिम वोटो का समीकरण बिगड सकता है । भारतीय जनता पार्टी से सीधे मुकाबले के लिये बसपा ने 97 मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है जिसमें 36 पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र से है ।

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