मुंबई। एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक और यस बैंक अपने ऐसे कस्टमर्स या दूसरे बैंकों को पैसा रिफंड करने पर विचार कर रहे हैं, जिन्हें बैंक के डेटा में साइबर सेंध लगने से नुकसान हुआ है। इस बीच फाइनैंस मिनिस्ट्री ने डेबिट कार्ड के डेटा चोरी को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने ईटी को बताया, ‘बैंक ऐसे सभी ट्रांजैक्शंस की विस्तृत जांच या आकलन कर रहे हैं, जिनमें फाइनैंशल डेटा की चोरी के चलते पैसे का नुकसान हुआ हो।’जिन बैंकों के एटीएम ने फर्जी कार्ड के इस्तेमाल पर पैसा दे दिया, वे संबंधित बैंकों से पैसा रीइंबर्स कराने के लिए संपर्क कर रहे हैं। बैंकों ने गहराई से जांच करने के लिए फॉरेंसिक और साइबर इन्वेस्टिगेटर्स की मदद ली है। करीब 32 लाख डेबिट कार्ड्स के डेटा में सेंध लगने की रिपोर्ट सामने आई है। ज्यादातर भारतीय बैंक इंडियन कस्टमर्स को दुनिया में कहीं भी एटीएम से पैसा निकालने की सुविधा देते हैं। डेटा में सेंध लगाकर कुछ धोखेबाजों ने इंडियन कार्ड का इस्तेमाल भारत के बाहर बैंकों के एटीएम में किया है। कई मामलों में भारतीय बैंकों के एटीएम से भी पैसा धोखाधड़ी से निकाला गया है।
साइबर सेंध से प्रभावित एक बैंक के बैंकर ने ईटी से कहा, ‘हो सकता है कि किसी ने बैंक ए का डेबिट कार्ड बैंक बी के एटीएम से पैसा निकालने में किया हो। हम पैसा गंवाने वाले कस्टमर्स को हफ्ते भर में रीइंबर्स करेंगे। हम दूसरे बैंकों से भी बात कर रहे हैं कि उनसे किस तरह रीइंबर्स कराया जा सकता है।’कुछ मामलों में पैसा कस्टमर्स के अकाउंट से डेबिट नहीं हुआ क्योंकि ट्रांजैक्शन को बीच में ही रोक दिया गया। हालांकि पैसा भारत से बाहर एटीएम मशीनों से पैसा निकल गया। ऐसे मामलों में भारतीय बैंकों को विदेशी बैंकों के साथ सेटलमेंट करना होगा।
एक भारतीय बैंक के साथ काम कर रहे एक सीनियर फॉरेंसिक ऑफिशल ने कहा, ‘हर तिमाही में बैंकों के बीच ट्रांजैक्शंस का सेटलमेंट होता है। हालांकि यह अलग स्थिति है। चूंकि डेटा में सेंध लगी है और कस्टमर के पैसे पर हाथ साफ किया गया है, लिहाजा इसके लिए उससे तो चार्ज नहीं लिया जा सकता।’ मामले की जानकारी रखने वालों ने बताया कि बैंक आने वाले महीने में इस बात की गाइडलाइंस जारी करेंगे कि वे किस तरह पैसा रीइंबर्स करेंगे।
बैंकों के साथ काम कर रहे जांचकर्ताओं के मुताबिक, इस सेंध ने मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले एटीएम कार्ड्स को मुख्य तौर पर प्रभावित किया है। भारतीय बैंक दो तरह के कार्ड जारी करते हैं। एक चिप बेस्ड कार्ड होता है और दूसरा मैग्नेटिक स्ट्रिप कार्ड।