बेंगलुरू। उच्चतम न्यायालय के निर्देश का अनुपालन करते हुए कर्नाटक सरकार ने गंभीर कठिनाइयों के बावजूद आज तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़ने का निर्णय किया । हालांकि तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़ने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद कर्नाटक में आंदोलन तेज हो गया और राज्य के किसानों और कन्नड समर्थक संगठनों ने आज बेंगलुरू-मैसूरू राजमार्ग बंद कर दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने करीब तीन घंटे तक चली सर्वदलीय बैठक के बाद आज रात संवाददाताओं से कहा, कर्नाटक सरकार के समक्ष पेश आ रही गंभीर कठिनाइयों के बावजूद राज्य उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप पानी छोड़ेगा। उन्होंंने यह भी कहा कि राज्य परिवर्तित याचिका के साथ उच्चतम न्यायालय जायेगा और इस आदेश को लागू करने में पेश आ रही कठिनाइयों को बतायेगा और इसमें बदलाव की मांग करेगा । इसके साथ ही कावेरी निगरानी समिति के समक्ष भी जायेगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के तहत प्रतिबद्ध राज्य के लिए उच्चतम न्यायालय को दरकिनार करना या पानी जारी करने से मना करना कठिन होगा । उन्होंने कहा कि भारी मन के साथ यह निर्णय किया गया है कि तमिलनाडु को पानी दिया जायेगा जबकि हमारे राज्य को खुद गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने किसानों से शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने और सार्वजनिक सम्पत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने की भी अपील की । इधर, कावेरी राजनीतिक के केन्द्र मांड्या जिले में बंद रखा गया। प्रदर्शनकारियों ने अनेक जगहों पर सड़कें जाम कर दी और धरने दिए। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कावेरी क्षेत्र में केन्द्रीय बल समेत सैकड़ों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।