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हेड कोच रवि शास्त्री पर गिरी गाज: टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन पर सुननी पड़ी खरीखोटी

टीम इंडिया के मौजूदा इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन से सीख लेते हुए बीसीसीआई की देखरेख करने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) ने हेड कोच रवि शास्त्री को फटकार लगाई है। सीओए ने कहा कि सीरीज के लिए पर्याप्त तैयारी का समय दिया गया, जिसके बावजूद टीम इंडिया का लचर प्रदर्शन रहा। यह स्वीकार्य नहीं है।टीम इंडिया के मौजूदा इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन से सीख लेते हुए बीसीसीआई की देखरेख करने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) ने हेड कोच रवि शास्त्री को फटकार लगाई है। सीओए ने कहा कि सीरीज के लिए पर्याप्त तैयारी का समय दिया गया, जिसके बावजूद टीम इंडिया का लचर प्रदर्शन रहा। यह स्वीकार्य नहीं है।

सूत्र ने कहा, ‘सीओए ने रवि शास्त्री को स्पष्ट किया है कि टीम को इतनी जल्दी इंग्लैंड भेजकर परिस्थितियों में खुद को ढालने का पर्याप्त समय दिया गया। शीर्ष क्रम का इतना खराब प्रदर्शन प्रोत्साहित करने योग्य नहीं है। समिति ने अपने संचार में इसका भी उल्लेख किया कि वह इस मामले में हेड कोच रवि शास्त्री से विचार-विमर्श जरूर करेगी। जब टीम लौटेगी तब सीओए कुछ प्रक्रियाओं पर चर्चा करने के पहले अवसर पर चयनकर्ताओं के साथ बैठक करेगी।’
विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए और बीसीसीआई को इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका दौरे को लेकर कड़ी निंदा झेलना पड़ी थी। टीम इंडिया ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 1-2 से गंवाई थी। सीओए और बीसीसीआई को आलोचना का सामना करना पड़ा था क्योंकि टीम इंडिया के खिलाड़ियों को दौरे की तैयारी का पर्याप्त समय नहीं मिला था। इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम जून के आखिरी सप्ताह में रवाना हो गई थी।

टीम इंडिया ने पहले आयरलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज खेली। इसके बाद पांच मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट की शुरुआत 1 अगस्त से हुई। ऐसे में टीम इंडिया के खिलाड़ियों के पास इंग्लिश परिस्थितियों में खुद को ढालने के लिए एक महीने का समय मिला। मुरली विजय और अजिंक्य रहाणे जैसे दिग्गज बल्लेबाज सीमित ओवर सीरीज में टीम इंडिया के सदस्य नहीं थे, लेकिन उन्हें भारत-ए की तरफ से लाल गेंद क्रिकेट खेलने के लिए जल्दी इंग्लैंड भेजा गया।

हालांकि, अब तक खेले गए दो टेस्ट की चार पारियों में टीम इंडिया का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। उसने क्रमशः 274, 162, 107 और 130 रन का स्कोर बनाया। कोहली ने एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में शतक जबकि दूसरी पारी में अर्धशतक जमाया। मगर उन्हें छोड़ कोई शीर्ष बल्लेबाज 30 रन का आंकड़ा भी पार नहीं कर सका। लॉर्ड्स में भारतीय टीम ने कुल 82.2 ओवर खेले और इतने ओवर में उसके 20 विकेट आउट हुए। वहीं इंग्लैंड ने लॉर्ड्स टेस्ट में अपनी पहली पारी 88.1 ओवर में 396/7 के स्कोर पर घोषित की। क्रिस वोक्स ने नाबाद 137 रन की पारी खेली।

पहले टेस्ट के बाद कोहली और अश्विन ने सकारात्मक्ताओं की बातें की। लॉर्ड्स टेस्ट के बाद भारतीय कप्तान ने कहा कि विदेशी धरती पर पिछले पांच टेस्ट में यह पहला मौका रहा जब उनकी टीम कभी मैच में बनी हुई नजर नहीं आई। टीम इंडिया ने विदेशी धरती पर इस साल पांच टेस्ट खेले। चार में उसे शिकस्त मिली जबकि एक में जीत। टीम इंडिया ने सिर्फ एक बार 300 से अधिक रन का स्कोर बनाया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कप्तान विराट कोहली (153) के शतक की बदौलत 300 से अधिक रन का स्कोर बनाया।

पूर्व टेस्ट कप्तान सुनील गावस्कर ने भी टीम इंडिया के इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए कमजोर तैयारी पर जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि सीमित ओवर सीरीज के बाद आप थोड़ा आराम करना पसंद करेंगे, लेकिन इसे पांच दिन खींचने की क्या जरूरत है।’ इसके अलावा गावस्कर ने भारतीय टीम प्रबंधन के फैसले की भी कड़ी आलोचना की, जिन्होंने एसेक्स के खिलाफ प्रथम श्रेणी टूर मैच छोटा कराने का फैसला किया, ताकि टीम इंडिया अभ्यास ज्यादा कर सके।

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