नई दिल्ली। संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय संविधान और उसके निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को एक दूसरे का पर्याय बताया।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर का अर्थ संविधान है और संविधान का अर्थ बाबा साहब अंबेडकर है।
उनके अनुसार समय के साथ-साथ यह अहसास और गहरा होता जा रहा है कि संविधान निर्माण का काम कितना महान है।
संविधान के अनुच्छेदों की व्याख्या के बजाय संविधान की मूल भावना से जुड़ने की जरूरत पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के समय लोगों में कर्तव्य की भावना बहुत ज्यादा थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता लोग अपने अधिकारों के प्रति ज्यादा सजग होने लगे।
अधिकारों और हकों के खातिर कुछ लोग अपनी सीमाओं के उल्लंघन करनी की कोशिश से बाज नहीं आते हैं। इससे अराजकता की स्थिति पैदा होने लगती है। लेकिन संविधान में सभी के अधिकारों और कर्तव्यों के बीच सामंजस्य बनाकर रखने की क्षमता है।
हम सभी नागरिक, सरकार और प्रशासन का कर्तव्य इसकी रक्षा करना है। प्रधानमंत्री संसद भवन एनेक्सी में ‘अपडेटेड एडिशन आफ कांस्टीट्यूशन आफ इंडिया’ और ‘मेकिंग आफ कांस्टीट्यूशन’ नाम की दो पुस्तकों का विमोचन समारोह में बोल रहे थे।
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