लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई यूपी कैबिनेट में राज्यकर्मियों को सातवां वेतनमान को प्राथमिकता मिली है। इस बैठक में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों को राज्य स्तर पर लागू करने के लिए वेतन समिति गठित करने पर कैबिनेट की सहमति मिली। वहीं इस कमेटी के अध्यक्ष की नियुक्ति के फैसले को लेकर कैबिनेट ने सीएम अखिलेश को अधिकृत कर दिया है। सातवें वेतनमान का लाभ लगभग 21 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को मिलेगा।
इन मुद्दों पर भी कैबिनेट ने लगाई मुहर-
-बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों से रिटायर शिक्षकों व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को न्यूनतम पारिवारिक पेंशन 3500 रुपए प्रतिमाह देने के प्रस्ताव पर भी लगी मुहर।
-वक्फ विकास निगम के कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 से 60 वर्ष करने, जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार राशि बढ़ाने, संतकबीर नगर में बेलहरकला नई नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया है।
-जनता की सुविधा के लिए 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट योजना शुरू करने, प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग तथा विभाजित उप संवर्गों की वेतन विसंगति दूर करने, वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
-सिद्धार्थ विश्वविद्यालय निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति, लोहिया विधि विश्वविद्यालय आडिटोरियम का अधिकार एलडीए से लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को देने के प्रस्ताव को मंजूरी कैबिनेट ने दी है।
इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी-
कानपुर देहात में सिकंदरा-झींझक रसूलाबाद मार्ग चैड़ीकरण को मंजूरी मिली है। वहीं गोमती नदी पर हार्डिंग ब्रिज परियोजना की अनुमोदित लागत 1513.5158 करोड़ की मंजूरी मिली। बरेली व इटावा में घनी आबादी के बाहर नई जिला कारागार को मंजूरी दी गई। मेरठ विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार को मिली मंजूरी। अखिलेश सरकार ने राज्य ग्रामीण पेयजल योजना का निर्देश देते हुए मंजूरी दी है। वहीं हरदोई के संत कृपाल इंटर कॉलेज को अनुदान सूची में लिया गया।
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