नई दिल्ली:
असम में बाढ़ का कहर जारी है. रविवार को चार और लोगों की मौत हो जाने के बाद मृतक संख्या 37 तक पहुँच गई है. बाढ़ का पानी बीएसएफ चौकियों में घुसने के साथ ही भारत-बांग्ला सीमा में भी घुस गया है|
आपदा प्रबंधन के आंकड़ों के अनुसार तीन लाख लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर है. बाढ़ प्रभावितों के लिए 320 शिविर लगाए गए हैं. कांचीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के जानवरों को ऊँचे मैदानी इलाकों में भेज जा रहा है. असम में 21 जिलों के करीब साढ़े सोलह लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की विज्ञप्ति में मृतक संख्या 37 हो गई है|
ब्रह्म पुत्र और उसकी सहायक नदियों का पानी 2100 गाँवों में घुस गया है. इस कारण डेढ़ लाख हेक्टर में लगी फसल प्रभावित हो गई है. ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इस कारण सोनितपुर, गुवाहाटी, गोलपाड़ा और धुबरी जिलों में लगातार खतरा बना हुआ है. डिब्रूगढ़ प्रशासन ने प्रभावित लोगों को बचानेऔर राहत कार्यों के लिए सेना को बुलाया है. बाढ़ के कारण लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है|
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