लखनऊ। विरोधी दलों पर हमला बोलते हुए हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को कहा, ‘‘दलित और कमजोर वर्ग का शोषण करने वाली पार्टियों को बीएसपी मूवमेंट अच्छा नहीं लग रहा है। हमेशा लेने वाले ऐसे समाज को वे देने वाला बनते नहीं देख पा रहे हैं। वे इस बात को भी नहीं पचा पा रहे हैं कि दलित समाज कब लेने वाले से देने वाला बन गया। यही वजह है कि वे मुझ पर लगातार धनादोहन का आरोप लगाते रहते हैं। लेकिन पता होना चाहिए कि कांशीराम ने ही मेरे जन्मदिन को आर्थिक सहयोग दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बीएसपी के संस्थापक कांशीराम ने अपने जीवनकाल में ही मेरे जन्मदिन को ’आर्थिक सहयोग दिवस’ के रुप में मनाना शुरु किया था। पार्टी या मूवमेन्ट चलाने के लिये धन की जरूरत होती है। परन्तु विरोधी पार्टियां खासकर भाजपा व कांग्रेस इसे गलत रूप् में प्रचारित प्रसारित कर रहीं हैं। बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों से धन लेकर पार्टी व सरकार चलाने वाली ये पार्टियां लोगों को भ्रमित करने में जुटीं हैं, लेकिन सच्चाई सभी जानते हैं। बसपा ऐसे सहयोग से मूवमेंट को गति देती रहेगी।’’
सुश्री मायावती ने कहा, ‘‘मोदी सरकार गरीबों , मजदूरों, किसानों , दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों के हितों के खिलाफ करने वाली पार्टियां हैं। बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के लिये ही काम करती हैं। इससे इनकी विश्वासनीयता खोती जा रही है। विभिन्न राज्यों केे विधानसभा चुनावों की हार यह बताने के लिए काफी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने हमेशा बसपा को नोट छापने वाली मशीन के समान पार्टी बताया है। यह घोर जातिवादी व ईष्र्यापूर्ण मानसिकता का द्योतक है। बीएसपी बहुजन समाज को देने वाला बना रही है, यह उन्हें पच नहीं रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दलितों व कमजोर वर्ग के थोडे़-थोड़े आर्थिक सहयोग से मानवतावादी मूवमेन्ट को लगातार गति मिल रही है, लेकिन यह ऐसी पार्टियों को पचता नहीं है। इनके पेट फूलने लगते हैं। यह सभी जानते हैं कि भाजपा-कांग्रेस व उनकी सरकारें पूंजीपतियों व धन्नासेठों से धन से चलतीं हैं। उनकी गुलामी करती हैं।’’
सपा पर हमला बोलते हुए सुश्री मायावती ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की सपा सरकार का भी तथाकथित ’विकास’ दावा खोखला है। नये निर्माण घटिया हैं। उनका जनहित में सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। बावजूद इसके दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। जबकि मामलों की जांच कराकर दोषियों को दंडित करने का काम होना चाहिए था।’’