रायपुर। भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर टिप्पणी करना भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी शिव अनंत तयाल को भारी पड़ गया। टिपण्णी के बाद छत्तीसगढ़ के इस अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। उन्हें कारण बताओं नोटिस भी भेजा गया है।
अनंत तायल मुख्य कार्यपालक अधिकारी के तौर पर जिला पंचायत कांकेर में कार्यरत थे। अब उन्हें राजधानी रायपुर के मंत्रालय में भेज दिया गया है। साल 2012 बैच के इस अधिकारी ने शुक्रवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय को लेकर एक पोस्ट किया था।
तायल ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा था कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने लेखक या विचारक के तौर पर ऐसा कोई काम नहीं किया कि उनकी विचारधारा को समझा जा सके। वेबसाइटों पर एकात्म मानववाद पर उपाध्याय के सिर्फ चार लेक्चर मिलते हैं। वे भी पहले से स्थापित विचार थे। उपाध्याय ने कोई चुनाव भी नहीं लड़ा था।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा की पुस्तक ‘मेकर्स ऑफ मार्डन इंडिया’ में आरएसएस के कई बड़े लोगों का जिक्र है लेकिन उपाध्याय का नहीं। इसके बाद अनंत तायल की पोस्ट का विरोध होने लगा। बाद में विवाद बढ़ता देख उन्होंने अपना पोस्ट हटा लिया और अपने कमेंट पर खेद जताया। अब बीजेपी के नेताओं ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। फेसबुक पर की गई उनकी टिप्पणी को सिविल सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है।
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