लोकसभा चुनाव 2019 में अब महज़ कुछ ही महीने बाकी हैं। इससे पहले केंद्र सरकार अपना अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश करने वाली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को इसे पेश करेंगे। यह एनडीए सरकार के पांच सालों के कार्यकाल का आखिरी बजट है, इसलिए लोगों को इसका खासतौर पर इंतजार है।
इससे पहले 1 फरवरी 2018 को अरुण जेटली ने पूर्ण बजट पेश किया था, जिसमें महिला सशक्तिकरण पर भी बल दिया गया था। उन्होंने ऐसी कई योजनाओं की घोषणा की, जो ना सिर्फ गृहिणी के लिए बल्कि कामकाजी महिलाओं के लिए भी सरकार की तरफ से तोहफा थीं।
बजट 2018 में महिलाओं को ये मिला-
फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन :
उज्ज्वला योजना के तहत सरकार ने 5 करोड़ गरीब महिलाओं तक मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य रखा था। इस योजना के मद्देनजर बजट 2018 में गरीबी रेखा से नीचे आने वाली महिलाओं को 8 करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन बांटने की घोषणा की गई थी।
EPFO में मिला बड़ा फायदा :
बजट 2018 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की संचालित योजनाओं में महिला कर्मचारियों के लिए कॉन्ट्रिब्यूशन रेट को कम कर दिया गया। महिला कर्मचारियों के लिए पीएफ योजनाओं में कॉन्ट्रिब्यूशन रेट 8फीसदी कर दिया गया। इसमें जिन महिलाओं का वेतन कम है, वे कम ईपीएफ कटवाकर ज्यादा पैसा खर्च के लिए रख सकती हैं। पहले यह करीब 9 फीसदी था।
महिलाओं के लिए बढ़ाई गई लोन राशि :
महिला स्वयंसेवी संगठनों को ऑर्गेनिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने उनके लिए मार्च2019 तक लोन की राशि बढ़ाकर 75000 करोड़ कर दी थी।
मैटरनिटी लीव की अवधि बढ़ाई गई :
बजट 2018 में कामकाजी गर्भवती महिलाओं (Working Pregnant Women) के लिए मातृत्व अवकाश (Maternity leave) की अवधि को बढ़ाकर 12 हफ्तों से 26 हफ्ते कर दिया गया था, जो उनके लिए एक बड़ा तोहफा था।
1.88 करोड़ शौचालयों का निर्माण :
2018 के बजट में महिलाओं की गरिमा को ध्यान में रखते हुए 2018-19 में 1.88 करोड़ शौचालय बनाने की घोषणा की गई। साल 2018-19 में ग्रामीण क्षेत्रों में 51 लाख आवास बनाने का लक्ष्या भी रखा गया।