लखनऊ। नगर निगम की ओर से प्रत्येक वित्तीय वर्ष में बड़े बकायेदारों पर कार्रवाई की जाती है। इस वर्ष भी विभाग ने बड़े बकायेदारों पर सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है। अधिकारियों की ओर से सभी वार्डों के लिपिकों को वार्डों में उन बकायेदारों की सूची तैयार करने को कहा गया गया है जिनका इस वित्तीय वर्ष 2016 तक हाउस टैक्स का भुगतान नहीं किया गया है।
दरअसल, नगर निगम के जोन-1 में ही बड़े बकायेदार है जिसमें से करोड़ों रुपए की राशि बकाया है जिस कारण पहले ही निगम को राजस्व में घाटा हो रहा है। वहीं बीएसएनएल, केजीएमसी, के साथ-साथ कई अन्य विभाग भी नगर निगम के बड़े बकायेदार है। एक बार फिर से निगम ने वार्डवार उन लोगों की सूची बनाने का आदेश जारी किया है कि जो एक लाख या इससे अधिक धनराशि के बकायेदार है। नगर निगम की ओर से उन लोगों को चिन्हित किया जाएगा जिन्होंने हाउस टैक्स का भुगतान वर्षों से नहीं किया। बात करें रेजीडेंस की तो जोन-1 में ही लगभग दस वार्ड है ऐसे में उन दोनों ही गृहकरों का भुगतान करवाया जायेगा जो कि रेजीडेंस एवं कामर्शियल है। अभी तक निगम की ओर से बकायेदारों को नोटिस के माध्यम से गृहकर जमा करने के निर्देश दिए जाते थे यदि उसके बाद भी यदि बकायेदार भुगतान नहीं करता तो ऐसी स्थिति में निगम उन घरों की कुर्की करने का आदेश जारी करता है। पहले भी विभाग की ओर से इस प्रकार से कार्रवाही होती रही है।
नहीं हो रहे भुगतान-
नगर निगम की आर्थिक स्थिति पहले ही अधर में हैं वहीं गृहकर का भुगतान न होने के कारण निगम का राजस्व भी दिन प्रतिदन घटता जा रहा है। ऐसे में विभाग प्रत्येक वर्ष अपनी टारगेट राशि से पीछे रह जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी निगम अपने टारगेट को नहीं पार कर सका। जानकारी के अनुसार नगर निगम में कर्मचारियों को कई मदों का भुगतान न होने से लगभग दस करोड़ की राशि का बकाया है वहीं निगम पर ठेकेदारों का भी लगभग 75 करोड़ रुपये बकाया है।
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