ऋषिकेश। एनजीटी द्वारा राजाजी कोरिडोर में पड़ने वाले राजस्व ग्राम में मूलभूत सुविधाएं पार्क नियमों के चलते उपलब्ध न कराए जाने पर राज्य सरकार व राजाजी नेशनल पार्क को जमकर फटकार लगाई है। ज्ञात रहे कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य मदन सिंह बिष्ट द्वारा जनहित को देखते हुए एनजीटी में जनहित याचिका दायर करते हुए सरकार व पार्क प्रशासन को गैर जिम्मेदार बताया था। इसकी सुनवाई के लिए एनजीटी ने आगामी 30 सितम्बर की सुनवाई निश्चित करते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने के आदेश भी दिए। उल्लेखनीय है कि राजाजी नेशनल पार्क के अन्तर्गत ग्रामीणों ने राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की मांग के साथ मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने को लेकर काफी दिनों तक आन्दोलन भी किया था। इसी के चलते घोतिया खैरगल मौबण सिलडंडी गांव जो कि राजाजी पार्क के अन्तर्गत आ रहे हैं, जिनमें आज तक पार्क नियमों के चलते न तो बिजली है और न ही सड़क पानी ग्रामीणों को उपलब्ध कराया जा रहा है। नतीजतन गांव का विस्थापन का सुझाव भी 1982 से आज तक अधर में है। इसे लेकर एक जनहित याचिका एनजीटी में डाली गई जिसे गंभीरता से सुनते हुए एनजीटी ने पार्क प्रशासन व सरकार को 20 सितम्बर से पूर्व जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं, जिस पर सुनवाई 20 सितम्बर को निश्चित की गई है।
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