मुरादाबाद। मझोला के जयंतीपुर में रहने वाला मोहम्मद चांद पुत्र कासिम उर्फ छोटे को पिछले साल सिविल लाइंस पुलिस ने लूट के एक मामले में उसके साथियों के साथ गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इसके कुछ समय बाद पुलिस ने आरोपी पर गैंगस्टर एक्ट में भी मुकदमा दर्ज किया था। तब से चांद जिला कारागार में ही बंद था। शुक्रवार को गैंगस्टर के केस में उसकी एडीजे 5 में पेशी थी। लिहाजा जेल से अन्य बंदियों के साथ गाड़ी में वह भी कचहरी पहुंचा। सेशन हवालात से उसके साथ चार अन्य बंदियों को लेकर दो सिपाही कपिल सिरोही व रॉबिन कुमार एडीजे 5 गए। लौटते समय अचानक चांद हथकड़ी खोलकर भाग निकला।
इसके बाद सिपाही रॉबिन भी शोर मचाते हुए चांद के पीछे दौड़ा। गेट पर खड़े सिपाही भी दौड़े, लेकिन चांद सबको चकमा देकर फरार हो गया। घटना की सूचना मिलते ही सिविल लाइंस पुलिस भी पहुंची और क्षेत्र में चेकिंग कराई गई। लेकिन चांद का पता नहीं लगा।
218 बंदियों को पेश कराने को महज 22 सिपाही
जिला जेल से बंदियों को लाने और ले जाने का सिस्टम ही बेहाल है। शुक्रवार को 218 बंदियों की कचहरी में पेशी कराने के लिए केवल 22 सिपाहियों को भेजा गया। सूत्रों की मानें तो कुछ और सिपाही लगाए गए थे, लेकिन वे गैरहाजिर हो गए। पांच बंदियों को सेशन हवालात से कोर्ट ले जाने के लिए केवल दो सिपाही कपिल व रॉबिन लगे थे। जबकि नियमानुसार एक हेड कांस्टेबिल और तीन सिपाही होने चाहिए थे। चांद ने पुलिस की इसी लापरवाही का फायदा उठाया और फरार हो गया।
बंदियों को पेशी पर ले जाने से पहले उन्हें पहनाई जा रही हथकड़ियां भी अब बेकार हो गई हैं। कई हथकड़ियां खस्ताहालत में हैं तो कई की पकड़ ढीली हो गई है। कुछ का लॉक नहीं लगता तो कई की चेन भी खींचने पर टूट जाती है। चांद को जो हथकड़ी पहनाई गई थी, वह भी ढीली थी। लौटते समय वह आसानी से खुल गई। इसकी वजह से चांद बाकी बंदियों के साथ बंधन से मुक्त हो गया और मौका देखकर भाग निकला।
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