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कश्मीर घाटी में मिर्ची गोले का हो सकता है इस्तेमाल

mbनई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दो-तीन दिनों के भीतर ही विवादित पेलेट गन का विकल्प देने की बात कही है और एक्सपर्ट कमिटी मिर्ची के इन गोलों (PAVA) को विकल्प के तौर पर देख रही है। हालांकि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारियों, BSF, CRPF, J&K पुलिस, IIT-दिल्ली और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के 7 सदस्यों वाली कमिटी भीड़ के कंट्रोल करने के लिए कोई विकल्प तलाश रही है। पैनल जल्द ही एक रिपोर्ट पेश करेगा। इन शेल्स को सायंटिफ़िक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के तहत लखनऊ स्थित के प्रयोगशाला में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टॉक्सिकॉलजी रिसर्च (IITR) ने डिवेलप किया था। अधिकारियों ने बताया कि पावा गोले IITR में एक साल से भी ज्यादा समय से ट्रायल में हैं और अब जब जम्मू उबल रहा है तब इस तकनीक को यूज किया जाएगा। PAVA यानी पेलागॉर्निक एसिड वनीलल अमाइड को नॉनिवमाइड के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राकृतिक काली मिर्च में पाया जाने वाला कार्बनिक यौगिक है। इसका प्रयोग किसी व्यक्ति को कुछ समय के लिए इरिटेट कर सकता है और वह थोड़ी देर तक कुछ न कर पाने की हालत में जा सकता है। इससे ज्यादा ये गोले हानि नहीं पहुंचाते। माना जा रहा है कि पावा शेल्स पेलेट गन के मुकाबले बहुत कम घातक है लेकिन असरदार उतना ही। एक बार दागे जाने पर यह टारगेट को आंसू गैस से भी असरदार तरीके से कुछ समय के लिए पंगु कर देता है। BSF के TSU द्वारा बनाया गया स्टन ग्रेनेड भी एक विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। यह टारगेट को बेहोश कर देता है और कुछ मिनट के लिए अंधा कर देता है।

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