केरल बाढ़ में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सहित कई देशों द्वारा आर्थिक मदद को लेकर देश में विवाद चल रहा है. ऐसी खबरें आईं थीं कि यूएई ने 700 करोड़ रुपये की मदद की पेशकश की है. लेकिन अब एक चौंकाने वाले बयान में यूएई सरकार ने कहा है कि उसने तो कभी आधिकारिक रूप से ऐसी पेशकश ही नहीं की थी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यूएई के भारत में राजदूत अहमद अलबन्ना ने कहा, ‘यूएई द्वारा वित्तीय मदद के तहत किसी तरह की राशि देने की कोई घोषणा नहीं की गई है.’ अलबन्ना ने कहा, ‘बाढ़ और उसके बाद के हालात में कितनी राहत की जरूरत है, अभी इसका आकलन किया जा रहा है. वित्तीय मदद के रूप में किसी राशि की घोषणा अभी अंतिम नहीं हो सकती, क्योंकि आकलन अभी जारी है.’
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या इसका मतलब यह है कि यूएई ने 700 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा नहीं की थी, तो उन्होंने कहा, ‘हां यह सही बात है. यह कोई तय राशि नहीं है. अभी इसकी घोषणा नहीं की गई.’
गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने खुद यह कहा था कि अबू धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहियान ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत में 700 करोड़ रुपये की मदद देने की बात की है.
राजदूत ने बताया कि, ‘हुआ बस यह है कि यूएई के वाइस प्रेसिडेंट और प्रधानमंत्री एवं दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने केरल की बाढ़ में मदद के लिए एक नेशनल इमरजेंसी कमेटी बनाई. इसके पीछे मुख्य सोच यह थी कि फंड, राहत सामग्री, दवाएं आदि जुटाई जाएं.’
दरअसल, आपदा सहायता को लेकर कुछ साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की घोषणा के बाद से भारत ने किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदाओं में दूसरे देश की आर्थिक मदद नहीं ली है.