ग्वालियर। ग्वालियर को एक बड़े संस्थान की सौगात मिली है। भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने ग्वालियर में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी स्थापित करने की मंजूरी दी है। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने इस संस्थान को जल्द से जल्द जमीन मुहैया कराने की बात कही है। उन्होंने बताया कि इस इंजीनियरिंग संस्थान का निर्माण लगभग 10 एकड़ क्षेत्र में किया जायेगा। ग्वालियर में प्लास्टिक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना के लिये केन्द्रीय पंचायत, ग्रामीण विकास, स्वच्छता एवं पेयजल मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर विशेष रूप से प्रयासरत थे।
प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थान के निर्माण के लिये लगभग 40 करोड़ रूपए की राशि मंजूर हुई है। इसमें से आधी-आधी राशि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई जायेगी। यह प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थाधन प्रदेश का दूसरा व देश का 28वाँ संस्थान होगा। प्रदेश में भोपाल में पहले से ही प्लास्टिक इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट कार्यरत है। जिला प्रशासन ने प्लास्टिक इंजीनियरिंग कॉलेज के लिये ट्रिपल आईटीएम के समीप गंगा मालनपुर, तुरारी एवं विक्रांत कॉलेज के समीप जमीन तलाशी है। इसमें से जो भी जमीन संस्थान प्रबंधन को पसंद आयेगी, जिला प्रशासन द्वारा वह जमीन संस्थान के लिये आवंटित करने की कार्यवाही की जायेगी।
कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने सीपेट (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी) के वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर के प्रबंधक और जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक को निर्देश दिये कि जमीन आवंटित होने तक संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के सतत् संपर्क में रहें। उन्होंने अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को भी इस काम को गंभीरता से अंजाम देने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि संस्थान से जुड़े अधिकारियों को राजस्व अमले के साथ मौका मुआयना भी करायें। डॉ. गोयल ने प्लास्टिक इंजीनियरिंग कॉलेज के लिये आवंटित की जाने वाली जमीन के स्वत्व पता लगाने के लिये संयुक्त संचालक नगर एवं ग्राम निवेश से भी जमीन के दस्तावेजों का परीक्षण कराने के निर्देश भी दिए।