नई दिल्ली: यूनेस्को ने चंडीगढ़ और सिक्किम के राष्ट्रीय पार्कों को अपने विश्व विरासत स्थलों में शामिल कर इस साल भारत से जुड़े तीनों नामांकनों को मंजूरी दे दी।
इससे पहले इस्तांबुल में विश्व विरासत कमेटी के 40वें सत्र में सूची में बिहार में नालंदा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय) के पुरातात्विक स्थल को मंजूरी दी गई थी।
तुर्की में नाकाम तख्तापलट के कारण एक दिन स्थगित रहने के बाद रविवार को बैठक हुई। पेरिस स्थित संगठन ने फ्रांसीसी स्विस वास्तुकार ले कोरबुसियर के कार्य को विश्व विरासत स्थलों में शामिल किया। इसमें भारतीय शहर चंडीगढ़ भी है, जिसकी योजना 1950 के दशक में उन्होंने बनाई थी।
इसमें कहा गया है कि सात देशों में फैले 17 स्थल नई पुरातात्विक भाषा के अविष्कार की गवाही हैं, जिसने अतीत को बदला। अन्य स्थलों में चंडीगढ़ (भारत) में कांप्लेक्स डू कैपिटोल, नेशनल म्यूजियम ऑफ वेस्टर्न आर्ट, टोक्यो (जापान), ला प्लाटा में डॉ. कुरूटकेट का घर (अर्जेंटीना) और मारसेली (फ्रांस) में यूनाइट डीहेबिटेशन शामिल हैं।
अन्य मुख्य स्थल जिसे मान्यता मिली वह सिक्किम का कंचनजंघा राष्ट्रीय पार्क है।
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