एसेन। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने देश में शरणार्थियों को खतरा बताने वालों की आलोचना की। लेकिन वह चाहती हैं कि बुर्का पर बैन लगे। मर्केल चौथी बार चांसलर बनने के लिए दावेदारी पेश कर रही हैं।
पिछले साल बड़ी तादाद में शरणार्थी आए थे। लेकिन अब दोबारा ऐसा नहीं होगा। उन्होंने जोर देकर कहा, जर्मनी में नए-नए आने वालों को यहां के समाज में घुलना मिलना होगा। बुर्का पर बैन शामिल है।
अपनी पार्टी क्रिस्चन डेमोक्रैटिक यूनियन की सालाना बैठक में मर्केल ने कहा, ‘जहां तक कानूनी रूप से संभव हो, पूरे चेहरे को ढकने वाले घूंघट को बैन किया जाना चाहिए।’ एसेन ही वह शहर है जहां 16 साल पहले मर्केल ने पार्टी की बागडोर संभाली थी।
मर्केल की पार्टी की यह बैठक उस समय हुई अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था। यह ऐसा वक्त है जब अमेरिका ही नहीं पूरे यूरोप में कट्टर राष्ट्रवाद और लोकप्रियतावादी विचारों का उभार हो रहा है, ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन से अलग होने का फैसला कर चुका है।
बैठक में मर्केल को पश्चिमी लोकतांत्रिक मूल्यों के आखिरी संरक्षक के तौर पर बताया गया। उन्हें फिर से बैठक में पार्टी का प्रमुख चुना गया।
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