कान्हा जैसी सुंदर संतान का सपना हर कोई देखता है। हर किसी की चाहत होती है कि उसके आंगन में मुरली मनोहर कन्हैया शरारतें करता दिखे। लेकिन कई बार विवाह के वर्षों बीत जाने के बाद पति-पत्नी की यह चाह नहीं पूरी हो पाती है।

ज्योतिष में इस समस्या के लिए पति या पत्नी की कुंडली में संतान दोष अथवा पितृदोष आदि को कारण बताया गया है। जिन दंपत्तियों की कुंडली में ग्रह संतान प्राप्ति में बाधक बन रहे हों और तमाम उपायों के बाद संतान का सपना न पूरा हो पाया हो उन्हें जन्माष्टमी के दिन से ‘संतान गोपाल मंत्र’ का नित्य 108 बार जप करना चाहिए।
‘संतान गोपाल मंत्र
” ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।”
करें कृष्ण के बाल रूप की साधना
इस मंत्र को जपने से पूर्व जन्माष्टमी के दिन अपने पूजन कक्ष में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की फोटो लगाएं अथवा घर में विधि—विधान से लड्डू गोपाल स्थापित करके प्रतिदिन उन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ माखन मिसरी का भोग लगाएं।
इस मंत्र को जपने से पूर्व जन्माष्टमी के दिन अपने पूजन कक्ष में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की फोटो लगाएं अथवा घर में विधि—विधान से लड्डू गोपाल स्थापित करके प्रतिदिन उन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ माखन मिसरी का भोग लगाएं।
108 बार करें जाप
पूजन और भोग लगाने के पश्चात स्वस्थ संतान की कामना को पूरा करने वाला संतान गोपाल मंत्र का भक्ति भाव के साथ 108 जाप करें। जाप करने के लिए तुलसी की 108 मनकों वाली माला का प्रयोग करें।
पूजन और भोग लगाने के पश्चात स्वस्थ संतान की कामना को पूरा करने वाला संतान गोपाल मंत्र का भक्ति भाव के साथ 108 जाप करें। जाप करने के लिए तुलसी की 108 मनकों वाली माला का प्रयोग करें।
प्रात:काल जपें मंत्र
इस मंत्र का नित्य प्रात:काल जाप करने से शीघ्र ही कान्हा जैसी सुंदर, स्वस्थ, सम्मान और समृद्धि बढ़ाने वाली संतान की प्राप्ति होती है।
इस मंत्र का नित्य प्रात:काल जाप करने से शीघ्र ही कान्हा जैसी सुंदर, स्वस्थ, सम्मान और समृद्धि बढ़ाने वाली संतान की प्राप्ति होती है।