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जमीन के कारोबारी की गला रेतकर हत्या, कमरे में मिला सड़ा हुआ शव

download (5)लखनऊ। राजधानी में बेखौफ बदमाशों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बंथरा क्षेत्र में मासूम बच्चे की हुई हत्या के मामले में पुलिस अफसर किसी नतीजे पर पहुंच भी नहीं पाये थे कि गोमतीनगर क्षेत्र के विनीतखंड में कुछ बदमाशों ने जमीन कारोबारी 28 वर्षीय विजय कुमार मिश्रा गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी। घटना का रविवार को तब पता चला जब मकान मालिक विजय की खैरियत लेने कमरे के पास गये। बदमाश चाकू से कई वार भी किये थे। उसका खून से लथपथ शव कमरे में बेड पर पड़ा मिलने से सनसनी फैल गई। हत्यारे जान लेने के बाद कमरे में बाहर से ताला बंद कर फरार हो गये। शव बुरी तरह से सड़ चुका था।
एसओ गोमतीनगर धीरेन्द्र कुमार शुक्ला का कहना है कि शव करीब दो-तीन दिन का पुराना है। सूचना पाकर मौके पर एएसपी उत्तरी विजय ढुल, सीओ सत्यसेन यादव सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और डॉग स्क्वायड एवं फिंगर प्रिंट दस्ते के साथ छानबीन की, लेकिन कातिलों का कुछ सुराग नहीं लगा। पुलिस को कमरे से शराब की बोतल के अलावा कुछ और भी वस्तु बरामद हुई है,जिसके आधार पर पुलिस हत्यारों की तलाश में जुट गई है। जांच में जुटे एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि प्रथम दृष्टाया हत्या की वजह रुपयों के लेने-देन का मामला सामने आ रहा है। फिलहाल पुलिस का शक मृतक के तीन साथियों पर ही गहरा रहा है। पुलिस कई दिशाओं को जोड़कर मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

मूलरूप से गोरखपुर जिले के अलीनगर निवासी बिजली विभाग से रिटायर्ड अर्जुन प्रसाद मिश्रा का 28 वर्षीय बेटा विजय कुमार मिश्रा गोमतीनगर के पत्रकारपुरम स्थित श्रीराज इन्फ्रा हाउसिंग में काम करता था और विनीतखंड स्थित सी-1-65 निवासी ट्रांसपोर्टर रामकिशोर वर्मा के यहां दो माह से किराये पर रहता था। मकान मालिक के मुताबिक दो-तीन दिन से जब विजय नहीं दिखा तो वह रविवार को मकान मालिक मकान की दूसरी मंजिल से उतरकर नीचे आये तो देखा कि कमरे में बाहर से ताला लगा हुआ है और कमरे से काफी बदबू आ रही है। यह माजरा देख मकान मालिक इसकी सूचना पुलिस को दी। एसओ धीरेन्द्र कुमार शुक्ला का कहना है कि दरवाजा तोड़कर देखा तो विजय का खून से लथपथ शव कमरे में बेड पर पड़ा था और वहां पर शराब की बोतले पड़ी थी। हत्यारों ने गला रेतने के साथ शरीर में कई जगह चाकू से वार भी किया। एसओ का कहना है कि विजय की हत्या 22 की रात ही हुई होगी। हत्या के बाद कमरे में बाहर से ताला बंद करने से यही अनुमान लगाया जा रहा है कि घटना में किसी जानने वाले की ही भूमिका है। मृतक के भाई संतोष कुमार मिश्रा की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल पुलिस ने कई तरह की थ्योरी अपना कर मामले की छानबीन की लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल सका कि विजय की हत्या किसने और क्यों की।

दोस्तों पर गहराया का हत्या का शक-
गोरखपुर जिले के अलीनगर निवासी 28 वर्षीय विजय कुमार मिश्रा के परिवार में पिता अर्जुन कुमार मिश्रा, भाई संतोष कुमार मिश्रा, मां पदमावती, पत्नी नीरज मिश्रा एवं छह वर्षीय बेटा रूद्र कुमार मिश्रा है। बताया गया कि विजय दो माह पहले ही विनतखंड निवासी ट्रांसपोर्टर रामकिशोर के यहां 22 सौ प्रतिमाह पर किराये पर मकान लिया था। मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि दो-तीन दिन पहले विजय के तीन साथी कमरे पर आये और उनके साथ बैठकर विजय ने शराब पी थी। यह पता लगने पर रामकिशोर ने विजय को हिदायत दी तो विजय ने माफी मांगा कि अब अंकल ऐसी गलती नहीं होगी। लिहाजा उसी दिन से फिर विजय की सूरत किसी ने नहीं देखा। रविवार को विजय की खून से लथपथ लाश कमरे में पड़ी मिली तो पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया और देखते ही देखते वहां पर स्थानीय लोगों का मजमा लग गया। खबर पाकर पुलिस डॉग स्क्वायड एवं फिंगर प्रिंट दस्ते के साथ पहुंची और शव को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू की,लेकिन हत्यारों का सुराग नहीं लगा। परिस्थितियां साक्ष्य वारदात में तीन लोगों के शामिल होने की ओर इशारा कर रहे हैं। पुलिस संदेह के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। कमरे में महंगी शराब की बोतलें पड़ी मिली। पुलिस का कहना है इससे यही अनुमान लगाया जा रहा है कि शराब पीने के बाद हुई कहासुनी में विजय की जान ली गई है। वहीं पुलिस का मानना है कि हत्या लेनदेन या फिर प्रेम-प्रसंग को लेकर हुई होगी।

शुक्रवार की रात को हुआ कत्ल-
श्रीराज इन्फ्रा हाउसिंग में काम करने वाले विजय कुमार मिश्रा की हत्या शुक्रवार की रात को ही कर दी गई। मकान मालिक रामकिशोर की मानें तो 22-23 की रात करीब 9.30 बजे रात को विजय के कमरे में तीन लड़के आये थे। मकान के नीचले हिस्से में बने मकान में कुछ आवाजें सुनाई दी थी, लेकिन उन्होंने विजय को हिदायत देकर नजर अंदाज कर दिये। आशंका जताई जा रही है कि उसी के बाद से हत्यारे विजय की जान लेकर मौके से भाग निकले। इसीलिए विजय दो-तीन दिन तक दिखाई नहीं पड़ा था। घरवालों की मानें तो उनके बेटे की हत्या किसी पेशेवर अपराधी नहीं बल्कि उसी के दोस्तों ने की है। फिलहाल पुलिस का दावा है कि कई दिशाओं को जोड़कर मामले की पड़ताल की जा रही है।

आसपास घूमता रहा खोजी कुत्ता-
घटनास्थल से होकर खोजी कुत्ता उसी कॉलोनी के आसपास घूमता रहा। उसके बाद एक जगह रूक गया। पुलिस उस स्थान के मोबाइल फोन टॉवर से लोकेशन सर्च कर रही है।

परिवार का रो-रोकर बुरा हाल-
विजय की मौत की खबर जैसे ही परिजनों को मिली, तो मानो उनके ऊपर कहर का पहाड़ टूट पड़ा और गोरखपुर से आनन-फानन में भाग कर विनीतखंड स्थित उक्त मकान पर आये जहां उनका लाडला रहता था। विजय की दशा देख अर्जुन प्रसाद मिश्रा, मां पदमावती, भाई संतोष एवं पत्नी नीरज मिश्रा शव को लिपट कर बिलख पड़े। उनकी विलाप देख स्थानीय लोग भी अपने आप को नहीं रोक सके।

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