लखनऊ। कोच हरेंद्र सिंह और सीनियर कोच रोलैंट ओल्टमंस ने जिस टीम इंडिया को दो साल और आठ महीने से तैयार कर रहे थे, उसकी परीक्षा की घड़ी आ गई है।
गुरुवार को जब जूनियर विश्व कप हॉकी के क्वार्टर फाइनल में स्पेन के सामने भारतीय टीम होगी, तब दोनों कोच का भी बड़ा इम्तिहान होगा। मैच में एक छोटी सी गलती टीम को टूर्नामेंट से बाहर कर देगी। जाहिर है ऐसे में टीम इंडिया सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए सब कुछ झोंक देना चाहेगी और इसके लिए वह तैयार भी है।
शानदार जीत से इंग्लैंड क्वार्टर फाइनल में
विश्व कप में स्पेन के खिलाफ भारतीय टीम का इतिहास अच्छा नहीं रहा है। 1997 से अब तक दोनों टीमें तीन बार एक-दूसरे के सामने हुई हैं, जिनमें दो बार बाजी स्पेन के हाथ लगी है। 1997 में स्पेन ने लीग मुकाबले में भारत को 3-2 से हराया था।
2005 में भारत स्पेन से क्वार्टर फाइनल में 4-2 से हारा था। 2001 में भारत ने स्पेन को 3-0 से हराया था। 2001 में ही भारत विश्व चैंपियन भी बना था। तब से भारत भी विश्व खिताब की तलाश में है। स्पेन की टीम 2005 में तीसरे स्थान पर आई थी।
यह इस टूर्नामेंट में उसका अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। भारत ने पूल डी में जिस तरह श्रेष्ठता साबित की है, उससे उसे जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वहीं स्पेन की टीम पूल सी में बमुश्किल और किस्मत के सहारे नाकआउट में पहुंची है।
हालांकि इसके बावजूद स्पेन की टीम को कमतर नहीं आंका जा सकता। स्पेन की फारवर्ड लाइन और डिफेंस काफी मजबूत हैं। मैदान में स्पेनिश स्पीड से भी विरोधियों को सकते में डाल सकते हैं। ऐसे में हरेंद्र की टीम को पूरी सतर्कता बरतनी होगी।
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