अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विपक्षी डेमोक्रेट्स की मांग को मानते हुए सुप्रीम कोर्ट के लिए नामित जज ब्रेट कैवनॉघ पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की एफबीआइ जांच के आदेश दिए हैं। इस आदेश से ब्रेट की नियुक्ति पर सीनेट की मुहर लगने को लेकर संदेह के बादल मंडरा गए हैं।
ट्रंप ने ही ब्रेट को नामित किया था, लेकिन प्रोफेसर क्रिस्टीन ब्लेसी फोर्ड द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते वह विवादों में घिर गए। इस मामले को लेकर एक संसदीय समिति ने गुरुवार को सुनवाई भी की। इसमें ब्रेट ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया था। इस समिति ने ब्रेट के नामांकन को संसद के ऊपरी सदन सीनेट के पास भेज दिया है।
ट्रंप ने शुक्रवार को एलान किया, ‘मैंने जज ब्रेट कैवनॉघ की फाइल अपडेट करने के लिए एफबीआइ को जांच का आदेश दिया है।’ एफबीआइ को यह जांच एक हफ्ते के अंदर पूरा करने को कहा गया है। इसका मतलब यह हुआ कि 53 वर्षीय कैवनॉघ की नियुक्ति को मंजूरी मिलने में एक हफ्ते की देरी हो सकती है।
ह्वाइट हाउस की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार, कैवनॉघ ने जांच में पूरा सहयोग करने का वादा किया है। कैवनॉघ पर अब तक फोर्ड समेत चार महिलाएं यौन उत्पीड़न के आरोप लगा चुकी हैं।
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