पाकिस्तान के अशांत स्वात घाटी इलाके में भगवान बुद्ध एक बार फिर मुस्कुराए। उनकी सातवीं शताब्दी की मूर्ति को आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (पाकिस्तान) ने 11 साल पहले विस्फोट के जरिए बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था। इटली के मूर्तिकारों के सहयोग से खंडित मूर्ति को पूर्व स्थिति में लाया गया है।
इस मूर्ति में भगवान बुद्ध ध्यान की मुद्रा में बैठे हुए हैं। यह दक्षिण एशिया में मौजूद पत्थर की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। यह मूर्ति छह मीटर ऊंची है। इसका आधार कमल के फूल आकार का है जो ग्रेनाइट पत्थर से बना हुआ है।
इसे सितंबर 2007 में हमला करके बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। मूर्ति के चेहरे पर छेद करके और उसमें विस्फोटक भरकर करीब आधे चेहरे वाले भाग को उड़ा दिया गया था।
इसी तरह से मूर्ति के अन्य हिस्से भी क्षतिग्रस्त किए गए थे। अफगानिस्तान के बामियान में बुद्ध की मूर्तियों की नुकसान पहुंचाने के सिलसिले में यह बड़ी घटना थी। आतंकियों के इस कृत्य की पूरी दुनिया में कड़ी निंदा हुई थी।
इतालवी पुरातत्वविद की देख-रेख में कार्य
जब हालात थोड़े सामान्य हुए तो इटली की सरकार इस मूर्ति की मरम्मत के लिए आगे आई। उसने 2.5 मिलियन यूरो (20 करोड़ रुपए) खर्च करके पांच साल में इस मूर्ति को पूर्व स्थिति के करीब लाने का कार्य किया।
यह कार्य इतालवी पुरातत्वविद ल्यूका मारिया ओलीवीरी की देखरेख में हुआ। उनके अनुसार मूर्ति को जिस तरह से नुकसान हुआ था उसके मद्देनजर उसे पूर्व स्थिति में लाना मुश्किल कार्य था।
मरम्मत के कार्य में मूर्ति के पुराने फोटो के आधार पर 3 डी इमेज की मदद ली गई। मरम्मत का आखिरी चरण वर्ष 2016 में पूरा हुआ।
कार्य पूरा होने के बाद अब इस मूर्ति को पर्यटकों और दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया है। उम्मीद है कि चीन और थाईलैंड से बड़ी संख्या में लोग उसे देखने के लिए आएंगे।
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