चंडीगढ़। तुर्की में तख्तापलट की कोशिशों ने हिसार की खुशियों को पलट दिया है। यहां की दो लड़कियों प्रेक्षा मित्तल ने तुर्की में चल रहे वर्ल्ड स्कूल गेम्स में कराटे में रजत पदक और बरवाला की नेहा रोहलन ने कांस्य पदक जीता है। इनको 18 जुलाई को वहां से भारत के लिए रवाना होना है लेकिन तख्ता पलट की घटना ने पदक जीतने की खुशियों को चिंता में बदल दिया है। तुर्की की इस घटना ने बरवाला की कराटे खिलाड़ी नेहा रोहलन के परिजनों की सांसें भी अटका दी हैं। नेहा रोहलन के सकुशल लौटने की चिंता में डूबे परिवार वाले तुर्की में शांति की प्रार्थना कर रहे हैं। शनिवार दोपहर को मां राजबाला से नेहा की हुई बातचीत के बाद परिजन कुछ राहत महसूस कर रहे हैं। नेहा के पिता अध्यापक कृष्ण कुमार से नेहा की दो दिन पहले बात हुई थी। नेहा 10 जुलाई को यहां से तुर्की गई हैं। उसने 60 किलोग्राम भार वर्ग में दो दिन पहले कांस्य पदक जीता है। नेहा रोहलन शहर के नहर कोठी सीनियर सेकंडरी स्कूल में विज्ञान संकाय में बारहवीं की छात्रा हैं। पिछले 5 सालों में नेहा ने जिला व राज्य स्तर पर कराटे चैंपियनशिप में कई पदक अपने नाम किए हैं। खिलाडियों को तय कार्यक्रम के तहत गेम्स समाप्त होने के बाद 18 जुलाई को वापिस लौटना है।हिसार के सेक्टर 14 निवासी प्रेक्षा मित्तल के पिता दीपक मित्तल ने बताया कि उनकी पत्नी अनुराधा मित्तल की प्रेक्षा से शनिवार सुबह 11 बजे व्हाट्सअप कॉलिंग के जरिए बात हुई थी। प्रेक्षा ने बताया था कि वे सुरक्षित हैं लेकिन उनको बाहर निकलने से मना किया गया है। उन्होंने बताया कि तुर्की की खबर मिलने के बाद उन्होंने तुरंत एंबेसी से संपर्क किया तो उन्होंने भी यही हिदायत दी थी कि बच्चों से बात हो तो उनको बाहर न निकलने के हिदायत दें। उन्होंने कहा कि अब पूरा परिवार यही प्रार्थना कर रहा है कि 18 जुलाई को वे वहां से चलकर 19 जुलाई को हिसार सकुशल पहुंच जाए।
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