नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा है कि नोटबंदी का कदम भ्रष्ट लोगों के खिलाफ था, न कि संपन्न लोगों के विरुद्ध, जैसा पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने संकेत दिया था। जल्द ही प्रकाशित होने वाली अपनी पुस्तक ‘ऑफ काउंसिल : दि चैलेजेज ऑफ दि मोदी-जेटली इकोनॉमी’ में सुब्रमणियन ने नोटबंदी की आलोचना की थी। उन्होंने इसे बड़ा, कठोर मौद्रिक झटका बताया था जिसने अर्थव्यवस्था को पीछे धकेल दिया।
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने एक कार्यक्रम के बाद बातचीत में कहा कि उन्होंने सुब्रमणियन के हवाले से रिपोर्ट देखी जिसमें कहा गया कि नोटबंदी संपन्न लोगों के खिलाफ थी। उन्हें नहीं मालूम कि उन्होंने संपन्न (एलीट) शब्द का इस्तेमाल क्यों किया। वास्तव में यह कदम उन लोगों के खिलाफ था जो भ्रष्ट हैं और गलत तरीके से संपदा एकत्रित की है। कुमार ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि अरविंद ऐसे लोगों की तुलना संपन्न व्यक्तियों से नहीं करेंगे। उनका मानना है कि देश के संपन्न लोग ईमानदार हैं। वे परिश्रमी होने के साथ कानून का पालन करने वाले हैं।
आरबीआइ से मिल सकते हैं सात लाख करोड़ रुपये : सुब्रमणियन: इस बीच, सुब्रमणियन ने कहा कि सरकार को आरबीआइ से 4.5 लाख करोड़ से 7 लाख करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्तर पर दूसरे केंद्रीय बैंकों के पास औसत रिजर्व 8.4 फीसद है जबकि आरबीआइ के बाद 28 फीसद है।
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