अकेले दम बिना रुके समुंदर के रास्ते दुनिया भर की परिक्रमा पर निकले पहले भारतीय नाविक अभिलाष टॉमी बीच रास्ते में तूफान की चपेट में आने से घायल हो गए हैं. टॉमी भारतीय नौसेना में अधिकारी हैं. गोल्डन ग्लोब रेस में हिस्सा लेने के दौरान दक्षिणी हिंद महासागर के आसपास बीच रास्ते में तूफान के चलते घायल हुए भारतीय नाविक अभिलाष टॉमी संदेशों के जरिए फ्रांस में मौजूद रेस आयोजकों के साथ संपर्क में हैं. टॉमी ने एक जुलाई को गोवा-निर्मित याच से अपनी समुद्री यात्रा शुरू की थी.
गोल्डन ग्लोब रेस
सेना के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि वह चल पाने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए उन्होंने एक स्ट्रेचर का आग्रह किया है. गोल्डन ग्लोब रेस में स्वदेश निर्मित नौकायन पोत “एस वी थुरिया” पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे कमांडर टॉमी को शुक्रवार को कमर में चोट लग गई थी जब 14 मीटर ऊंची लहरों वाले खतरनाक तूफान में उनके पोत का मस्तूल टूट गया था.
मदद के लिए बढ़े हाथ
दूसरे प्रतिभागी ‘एस वी हानले एनर्जी एंडुरेंस’ भी एस वी थुरिया की तरफ बढ़ रहे हैं. हालांकि इस पोत को खुद भी बहुत नुकसान पहुंचा है. मछली पकड़ने में इस्तेमाल होने वाला ऑस्ट्रेलियाई पोत ‘ओशिरिस’ भी उस स्थान की तरफ बढ़ रहा है जहां टॉमी फंसे हुए हैं. इसमें बताया गया कि ओशिरिस में एक चिकित्सा अधिकारी सवार हैं और उसमें एक बिस्तर वाला अस्पताल भी मौजूद है. एक रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी शिप भी वहां के लिए रवाना होगा और वह चार से पांच दिन में वहां पहुंचेगा.
विज्ञप्ति में बताया गया कि पी8आई विमान भी कल से उपलब्ध होगा जबकि एक असैन्य विमान को भी मौके पर भेजा जाएगा. भारतीय नौसेना ने इससे पहले कहा था कि अधिकारी को बचाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
गोल्डन ग्लोब रेस में नाव के माध्यम से 30,000 मील की एकल विश्व यात्रा की जाती है. इसमें वही नौकाएं इस्तेमाल की जाती हैं जो 50 साल पहले इस रेस में इस्तेमाल हुई थीं. इसमें कोई भी नई तकनीक इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती, सिवाय संचार के उपकरणों के. टॉमी का नौकायन पोत भी पहली गोल्डन ग्लोब रेस के विजेता रॉबिन नॉक्स जॉन्स्टन के पोत सुहेली की नकल है.