पाकिस्तानी सेना ने शनिवार को कहा है कि वह भारत से जंग के लिए तैयार है, लेकिन अपने लोगों के हित में अमन-चैन की राह पर चलना पसंद करती है. पाकिस्तानी सेना ने यह प्रतिक्रिया भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की उस टिप्पणी के बाद जाहिर की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिकों की जघन्य हत्या का बदला लेने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान की सेना भले ही युद्ध लड़ने जैसी बात कर रही हो, लेकिन पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इस वक्त सही नहीं है. पाकिस्तान पर मौजूदा समय में 28 हजार अरब रुपये के कर्ज का बोझ है.
पाकिस्तान के एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने कहा है कि आतंकवाद से लड़ने का देश का लंबा रिकॉर्ड रहा है और हम अमन-चैन की कीमत जानते हैं. इससे पहले, जम्मू-कश्मीर में बीएसएफ के एक जवान और तीन पुलिसकर्मियों की हाल में की गई जघन्य हत्या पर टिप्पणी करते हुए जनरल रावत ने शनिवार को ही जयपुर में कहा था कि भारतीय सैनिकों के खिलाफ आतंकवादियों और पाकिस्तानी सेना की बर्बरता का बदला लेने के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है.
फिर झूठ बोली पाकिस्तान सेना
जनरल रावत ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन बर्बर तरीके से नहीं. पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा बीएसएफ जवान की हत्या किए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए गफूर ने कहा, ‘पिछले दो दशक में अमन हासिल करने के लिए हमने संघर्ष किया है. हम किसी सैनिक को कलंकित करने के लिए कभी कुछ नहीं कर सकते.’
हम पेशेवर सेना : पाकिस्तान
गफूर ने कहा, ‘‘भारत ने पहले भी हम पर एक मृत सैनिक के शव को क्षत-विक्षत करने का ठीकरा फोड़ा है. हम एक पेशेवर सेना हैं. हम ऐसी हरकतें कभी नहीं करते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम (पाकिस्तानी सेना) जंग के लिए तैयार हैं, लेकिन पाकिस्तान, पड़ोसियों और क्षेत्र के लोगों के हित में अमन-चैन की राह पर चलना पसंद करते हैं.’’ 
न्यूयॉर्क में बातचीत रद्द
दोनों देशों की सेना के बीच जुबानी जंग ऐसे समय में हो रही है जब भारत ने इस महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के इतर पाकिस्तान के साथ होने वाली विदेश मंत्री स्तर की वार्ता रद्द कर दी. जनरल रावत ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना ने सीमा के पास जब भी भारत के खिलाफ कुछ किया है तो भारतीय थलसेना ने उसके खिलाफ सफल अभियान चलाए हैं.
पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ 28 हजार अरब रुपये
बता दें कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्ता संभालने के बाद मितव्ययिता कदमों, कर्ज लेने की जगह कर सुधारों पर काम करने और भ्रष्टाचार को खत्म करने पर जोर दिया था. उन्होंने कहा था, ‘‘पाकिस्तान के इतिहास में हमने इस तरह की मुश्किल परिस्थितियों का सामना कभी नहीं किया. हमारा कर्ज का बोझ 28 हजार अरब रुपये है. अपने समूचे इतिहास में हम इतने ऋणग्रस्त कभी नहीं रहे, जितना पिछले 10 वर्षों में हो गए हैं.’’
पीएम इमरान लक्जरी कारें बेचने को तैयार, नहीं मिला ग्राहक
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को  सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. इसके तहत उन्होंने पीएम आवास की 102 लक्जरी कारों को बेचने के लिए 17 सितंबर को नीलामी रखी. उनके मुताबिक इससे जुटाए गए धन से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति सुधारने में कुछ मदद मिलेगी. लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. इन कारों के लिए उन्हें कोई भी ग्राहक नहीं मिला. जो गाड़ियां नीलाम होने के लिए रखी गईं थीं उनमें हाल में खरीदी गईं चार मर्सिडीज बेंज, 8 बुलेट प्रूफ बीएमडब्ल्यू, तीन 5 हजार सीसी की एसयूवी, 24 मर्सिडीज बेंज और दो 3 हजार सीसी की एसयूवी शामिल हैं.
लोगों पर खर्च करने तक के पैसे नहीं : इमरान
इमरान खान ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले संबोधन में  कहा था कि प्रधानमंत्री निवास में 524 सेवक और 80 कार हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘प्रधानमंत्री यानि मेरे पास 33 बुलेटप्रूफ कार भी है. उड़ने के लिए हेलिकॉप्टर और विमान भी हमारे पास है. हमारे यहां गवर्नर का विशाल आवास हैं और हर कल्पनीय आराम की चीजें हैं.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘एक तरफ हमारे पास अपने लोगों पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं, दूसरी तरफ हमारे यहां कुछ लोग इस तरह रहते हैं जैसे औपनिवेशिक स्वामी रहते थे.’’ खान ने कहा था, ‘‘मैं 524 की जगह दो लोगों को रखूंगा. मैं तीन बेडरूम वाले आवास में रहूंगा. मैं दो कार रखूंगा.
खर्च बचाने को अब पीएम हाउस बनेगा कॉलेज
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का आवास पोस्टग्रेजुएट संस्थान के परिसर में तब्दील होने वाला है. ‘जियो’ की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा मंत्री शफकत महमूद ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सरकारी अधिकारी इस प्रकार रहें जिसमें जनता का धन व्यय न हो. इसीलिए, प्रधानमंत्री इमरान खान ने फैसला लिया है कि वह प्रधानमंत्री निवास में नहीं रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने फैसला लिया है कि गवर्नर भी गवर्नर हाउस में नहीं रहेंगे, ताकि अतिरिक्त व्यय को रोका जा सके.
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper,  E-Paper & News Portal