व्यापारियों के लिए अच्छी खबर है. जीएसटी (GST) काउंसिल ने कहा है कि वह रिटर्न की फाइलिंग आसान करने के लिए नया फॉर्म लॉन्च करेगी. मंत्रीसमूह के चेयरमैन सुशील मोदी ने बताया कि सॉफ्टवेयर वेंडर इंफोसिस को नया फॉर्म डिजाइन करने के लिए कहा गया है. इसका प्रस्ताव काफी पहले किया गया था. फॉर्म 4 से 6 महीने में बनकर आ जाएगा. इससे नेटवर्क के जरिए अप्रत्यक्ष्ा कर चुकाने वाले व्यापारियों को सहूलियत होगी. 
छोटे व्यापारियों के लिए एकीकृत अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर बनेगा
मोदी ने मंत्रीसमूह की 10वीं बैठक के बाद बताया कि 18 कंपनियों को छोटे व्यापारियों के लिए एकीकृत अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का विकास करने के लिए चुना गया है. इस सॉफ्टवेयर के जरिए छोटे व्यापारी जीएसटी रिटर्न आसानी से भर पाएंगे. काउंसिल ने ई-कॉमर्स कंपनियों को अब जीएसटी के तहत आपूर्तिकताओं को किये गये किसी भी भुगतान पर एक प्रतिशत टीसीएस लेने की जरूरत होगी. राज्य भी स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) कानून के तहत एक प्रतिशत टीसीएस लगा सकते हैं. 
ऑनलाइन खरीदारी पर लगेगा ज्यादा टैक्स
सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर के तहत स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) तथा स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) प्रावधानों को लागू करने के लिये एक अक्टूबर की तारीख तय की है. केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) के तहत अधिसूचित इकाइयों द्वारा वस्तु या सेवा आपूर्तिकर्ताओं को 2.5 लाख रुपये से अधिक के भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस संग्रह करने की जरूरत है. साथ ही राज्य अतिरिक्त एक प्रतिशत टीडीएस लगाएंगे.
केंद्र सरकार ने व्यापारियों व कारोबारियों को राहत देते हुए बड़ी घोषणा की है. सरकार की ओर से जुलाई 17 से सितंबर 18 के लिए वस्तु एवं सेवा कर रिटर्न फॉर्म दाखिल करने की अंतिम तिथि को 31 अक्टूबर तक तक के लिए बढ़ा दिया है. वहीं जो लोग अब तक जीएसटी का रिटर्न दालिख नहीं कर सके हैं 31 अक्तूबर तक रिटर्न दाखिल करने पर उन पर देरी के लिए कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा
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