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पाक की BAT टीम की नहीं रुकी हैवानियत,और कितने हेमराज ?

पाक की BAT टीम की नहीं रुकी हैवानियत,और कितने हेमराज ?

जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में बीते दिन बीएसएफ जवान की बर्बर हत्या कर दी गई. हत्या के पीछे पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम(बैट) का हाथ बताया जा रहा है. बीएसएफ जवान नरेंद्र सिंह की हत्या के बाद दोनों देशों में तनाव की हालत पैदा हो गई है. पाक की BAT टीम की नहीं रुकी हैवानियत,और कितने हेमराज ?

रामगढ़ इलाके की एसपी-1 सीमा चौकी के पास गोलीबारी में जख्मी जवान का गला रेत दिया गया था और उसके अंगों को भी क्षत-विक्षत कर दिया गया था. इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया गया है.

पाकिस्तान की बैट टीम की ओर से की गई जघन्य हत्या का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले 13वीं राजपुताना राइफल्स के जवान सुधाकर सिंह और हेमराज की हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तानी सैनिक घने कोहरे का फायदा उठाते हुए सीमा पर लगे कंटीले तारों को काटकर सीमावर्ती पुंछ जिले के सोना गली इलाके में बनी भारतीय चौकी पर पहुंच गए और गश्त कर रहे 13वीं राजपुताना राइफल्स के जवानों-सुधाकर सिंह और हेमराज की हत्या कर दी.

शहीद जवान हेमराज मथुरा जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित शेरपुर गांव के रहने वाले थे. परिवार में उनकी मां, पत्नी और तीन बच्चे हैं. दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय से हेमराज की शहादत की खबर आने के बाद पूरे देश में गम का माहौल पसर गया.

क्या है ‘बैट’?

‘बैट’ (BAT) का पूरा नाम बॉर्डर एक्शन टीम है. इसके बारे में सबसे पहले पांच और छह अगस्त 2013 की दरमियानी रात को पता लगा था. तब इस टीम ने एलओसी पर पेट्रोलिंग कर रही भारतीय सेना की टुकड़ी को निशाना बनाया था.

दरअसल यह पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स से लिए गए सैनिकों का एक ग्रुप है. हैरानी की बात ये है कि BAT में सैनिकों जैसी ट्रेनिंग पाए आतंकी भी हैं. बैट को एलओसी में 1 से 3 किलोमीटर तक अंदर घुसकर हमला करने के लिए तैयार किया गया है.

‘बैट’ को स्पेशल सर्विस ग्रुप यानी एसएसजी ने तैयार किया है. यह पूरी प्लानिंग के साथ अटैक करती है. ये टीम पहले खुफिया तौर पर ऑपरेशन को अंजाम देती थी लेकिन बाद में मीडिया की वजह से सुर्खियों में आने लगी.

बर्बरता जारी है

-22 नवंबर, 2016 को माछिल में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर पाकिस्तान के संदिग्ध आतंकियों के हमले में आर्मी के तीन जवान शहीद हो गए थे. एक जवान का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला था. माछिल में हमारे जवान फेंसिंग के आगे पेट्रोलिंग करते हैं.

-पिछले साल 28 अक्टूबर को भी एक जवान मनदीप सिंह के शव का पाकिस्तान की सेना ने अपमान किया था. पाकिस्तानी आर्मी के कवर फायर का फायदा उठाते हुए आतंकी LoC के रास्ते घुसे और एक जवान की जान ले ली. उसके बाद जवान के शव को क्षत-विक्षत कर दिया गया. ये घटना भी माछिल सेक्टर में ही हुई थी.

-जून 2008 में गोरखा राइफल्स के एक जवान को पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम ने केल सेक्टर में पकड़ लिया था. कुछ दिन बाद उसका सिर कलम कर शव फेंक दिया था.

-2013 में दो जवान लांसनायक हेमराज और सुधाकर सिंह के शवों को भी पाक सैनिकों ने क्षत-विक्षत कर दिया था.

-1999 की करगिल जंग के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया को पाकिस्तान की सेना ने प्रताड़ित किया था और बाद में उनके शव के साथ भी बर्बरता की गई.

-2016 में एलओसी के पास 228 और इंटरनेशनल बॉर्डर पर 221 सीजफायर वॉयलेशन हुए थे.

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