झाबुआ। झाबुआ के पांगु गिरवाल के 10 साल के बेटे पंकज को सोमवार शाम सांप ने काट लिया। कुछ ही देर बाद पंकज की मौत हो गई. इसके बाद बेटे के पोस्टमार्टम के लिए पांगु करीब 18 घंटे तक चक्करघिन्नी बना रहा। कभी अस्पताल से थाने तो कभी थाने से चौकी तक दौड़ लगाता रहा। आखिर एक दिन बाद पंकज का पोस्टमार्टम हो सका। पंकज की मौत के बाद मेघनगर स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने पोस्टमार्टम के लिए उसे मेघनगर थाने ले जाने की सलाह दी। मेघनगर थाने पहुंचा तो पांगु को कहा गया कि शव को रंभापुर चौकी ले जाओ, वहीं लिखापढ़ी होगी। पांगु बेटे के शव को लेकर रंभापुर चौकी पहुंचा तो पहले दो घंटे तक बिठाए रखा गया। फिर उसे कहा गया कि शव को घर ले जाओ, सुबह आना। पांगु के पास शव को घर ले जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। सुबह वो बेटे के शव को लेकर रंभापुर चौकी पहुंचा तो फिर घंटों तक उसे बैठाए रखा। लिखापढ़ी करने के बाद फिर उसे मेघनगर थाने भेज दिया गया। आखिर दोपहर को पोस्टमार्टम के बाद पंकज का अंतिम संस्कार हो सका। अगर पुलिस गंभीरता दिखाती तो पंकज का पोस्टमार्टम सोमवार को ही हो सकता था। लेकिन 18 घंटे तक वो कभी किराए की जीप और कभी पैदल ही बेटे के शव को लेकर इधर से उधर घूमता रहा। सिस्टम में जो बैठे हैं, आखिर कब जागेंगी उनकी संवेदनाएं. आखिर क्यों एक मासूम के शव को लेकर इधर-उधर भटकते पिता को देखकर भी इनकी संवेदनाएं नहीं जगतीं।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal