अगरतला। बांग्लादेश की पूर्व विदेश मंत्री दीपू मोनी ने कहा है कि भारत और बांग्लादेश आतंकवाद और हथियारबंद अलगाववादियों से मिलकर लडेंगे।
कल रात अगरतला प्रेस क्लब में 45वें बांग्लादेश विजय दिवस के सिलसिले में निजी तौर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मोनी ने कहा, ‘‘उप-महाद्वीप में धार्मिक कट्टरता को कुचलने की अपनी क्षमता में ढाका कोई कसर नहीं छोडेगा।
बांग्लादेश की सरजमीं के इस्तेमाल की कोशिश करने वाले भारत के उग्रवादी समूहों और भारत की सरजमीं का इस्तेमाल करने की कोशिश करने वाले आतंकवादियों से लडने का दोनों देशों का इतिहास रहा है।
” मोनी ने कहा कि ढाका ने उल्फा के अनूप चेतिया, अरविंद राजखोवा, शशधर चौधरी, चित्रवन हजारिया, एटीटीएफ के रंजीत देवबर्मा और एनएलएफटी के विश्वमोहन देवबर्मा सहित पूर्वोत्तर के कई उग्रवादी संगठनों के विद्रोही नेताओं को गिरफ्तार कर और फिर उनका प्रत्यर्पण कर पूर्वोत्तर के उग्रवाद के प्रति अपना कडा रुख बार-बार साबित किया है।