वाशिंगटन। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि भारत विश्वबैंक में पूंजी वृद्धि का पुरजोर समर्थन करता है और वह वैश्विक संस्था में गतिशील फार्मूले के मुकाबले बडी हिस्सेदारी लेने को तैयार है।
विश्वबैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम के साथ बैठक में जेटली ने विश्वबैंक के गठन के बाद से उसके और भारत के बीच भरोसेमंद और लाभकारी संबंधों का जिक्र किया और वित्त पोषण के नये समाधान की संभावना तलाशने के लिये बैंक से सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।
जेटली अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक की सालाना बैठक में भाग लेने के लिये कनाडा से यहां पहुंचे हैं।यहां भारतीय दूतावास द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार वित्त मंत्री ने भारत की विकास प्रक्रिया में कई उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने में विश्वबैंक की सहायता की सराहना की।
विज्ञप्ति के अनुसार विश्वबैंक समूह से संबंधित नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करते हुए उन्होंने पूंजी वृद्धि के संदर्भ में भारत के पुरजोर समर्थन का संकेत दिया और कहा कि दक्षिण एशियाई देश गतिशील फार्मूले के मुकाबले बडी हिस्सेदारी लेने को तैयार है।
विश्वबैंक किसी भी देश की हिस्सेदारी और उसके मत का मूल्य उसके आर्थिक भारांश जीडीपी पर आधरित: और विकास प्रभाव के आधार पर करता है। जेटली ने इस बात पर भी जोर दिया कि वित्त पोषण समाधान के नये तरीके तलाशने के लिये विश्वबैंक समूह को सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।