लखनऊ। सातवें वेतन आयोग सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश के कर्मचारियों ने अलग अलग स्थानों पर धरना देकर गुरूवार को अपनी आवाज को बुलंद किया। हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर जहां कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को लेकर प्रदर्शन किया वहीं बीस आयुर्वेदिक प्रशिक्षण प्राप्त नर्सो ने नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार से गुहार लगायी। इसके साथ जवाहर भवन में भी प्रदर्शन को लेकर अफरा तफरी का माहौल बना रहा है जहां सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने पूरे दिन कार्यबंदी कर अपनी मांगों को लेकर आवाज उठायी। गांधी प्रतिमा पर बड़ी संख्या में मौजूद राजधानी के शिक्षकों कर्मचारियों एवं पेंशनरों ने भाग लिया। समन्वय समिति के कोआर्डिनेटर लल्लन पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों शिक्षकों एवं पेशनर्स को यथा शीघ्र सातवें वेतन आयोग का लाभ मिलना चाहिए। किन्तु उन्हें वर्तमान स्वरूप में यह स्वीकार नहीं है इसमें सुधार किया जाना चाहिए। धरने में प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चन्द्र शर्मा ने राज्य सरकार को आगाह कि पश्चिम बंगाल, केरल एवं त्रिपुरा की भांति प्रदेश में वह नयी अंशदायी पेंशन व्यवस्था को समाप्त कर पुरानी सुनिश्चित पेंशन योजना को हर हाल में बहाल करें। उन्होंने कहा राज्य सरकार की इच्छा शक्ति पर यह निर्भर करता है उसे बहाल करने में कोई संवैधानिक अड़चन नहीं है। नयी पेंंशन व्यवस्था एक धन निवेश योजना है जिसके रिर्टन की गारंटी नहीं है। यह हमें स्वीकार नहीं है। राज्य सरकार ने समय रहते इस पर निर्णय नहीं लिया तो उसे उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वहीं आयुर्वेद ट्रेनिंग प्राप्त 20 नर्सो से गुरूवार को गांधी प्रतिमा पर धरना देकर मुख्यमंत्री को सौंपा। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मोहिनी शुक्ला ने कहा आयुर्वेद एवं युनानी नर्सिग सेवा के पदों पर सीधी भर्ती के लिए नियुक्ति प्रक्रिया का भी निर्धारण किया गया है चूंकि आयुर्वेद विभाग में स्टाफ नर्स के लगभग 120 से अधिक पद रिक्त है और पूरे उत्तर प्रदेश में पात्र एवं योग्य अभ्यर्थी मात्र बीस ही उपलब्ध है। पद अधिक संख्या में होने के कारण किसी भी चयन प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं रह गयी है। अहिंसा दल के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने गांधी प्रतिमा पर धरना देते हुए मांग किया अमरनाथ यात्रा के दौरान मारे गये यात्रियों के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाय। दूसरी तरफ गुरूवार को जवाहर भवन में इंडियन पब्लिक सर्विस इम्लाईज फेडरेशन के आवाहन पर कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के हजारों कर्मचारियों ने जवाहर भवन परिसर में विशाल धरना एवं प्रदर्शन करते हुए हड़ताल की चेतावनी दी। मोर्चा के संयोजक सतीश कुमार पाण्डेय ने धरने को संबोधित करते हुए प्रस्ताव रखा कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री एवं वित्त मंत्री अरूण जेटली से मांग की कि केन्द्रीय मंत्री परिषद द्वारा गठित कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित वेतन समिति की संस्तुतियों को लागू करते हुए 7वें वेतन आयोग की गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाय। प्रस्ताव में भारत सरकार की निंदा की गयी कि वेतन आयोग कि संस्तुतियों पर कैबिनेट सचिव समिति की संस्तुतियां लागू नहीं किया गया है जिससे देशभर में करोड़ों कर्मचारी आक्रोशित है और कर्मचारियों के अन्याय को जनता के बीच ले जायेगें। दूसरे प्रस्ताव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मांग की गयी कि वादे के अनुरूप मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ तत्काल बैठक कर 6वें वेतन आयोग की वेतन विसंगतियां, भत्तों में बढ़ोत्तरी, कैशलेश इलाज की सुविधा सहित अन्य मांगों पर तत्काल निर्णय लें। प्रस्ताव मेें चेतावनी दी गई कि यदि 15 दिन के अंदर अपने वादे के अनुरूप मुख्यमंत्री मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ मांगों पर बैठक कर निर्णय नहीं करेंगे तो मोर्चा प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेगा जिसमें हड़ताल भी शामिल है। जवाहर भवन के मुख्य गेट पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया। धरने का नेतृत्व करते हुए जिला अध्यक्ष पीएल श्रीवास्तव ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, मिनी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाये। उन्होंने कहा जब तक यह मांग पूरी नहीं होती तब तक केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार को 40 प्रतिशत बजट अपने मद से देने के आदेश के अनुपालन में मानदेय में वृद्धि की जाये।