लखनऊ। राष्ट्रीय युवा छात्र संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में हजरतगंज स्थित कार्यालय पर ‘असमान शिक्षा, बढ़ती बेरोजगारी एवं युवाओं के समक्ष चुनौती’ विषय पर राज्यस्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में युवा व छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ एक व्यापक आन्दोलन करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ, जिसके तहत 20 जुलाई से प्रदेश के सभी जिलों में बैठके कर अगस्त के आखिरी सप्ताह में प्रदेश व्यापी सम्मेलन किया जायेगा। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता संतोष सिंह व संचालन शैलेन्द्र ध्रुव यादव ने किया। संगोष्ठी में बोलते हुए वीरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि सरकारे एक समान शिक्षा प्रणाली लागू करने की जगह शिक्षा को दो हिस्सों में बांट चुकी है। सरकारी शिक्षा संस्थानों को अव्यवस्था का शिकार बनाकर निजी संस्थानों पर धन लूटा रहीं है। प्राइवेट स्कूल कालेज बेलगाम है और सरकारें मौन। होमेन्द्र मिश्रा ने कहा कि सुनहरे सपने दिखाकर पार्टियां सत्ता में आते ही वे पूजींपतियों के सेवार्थ ही नीतियां बनाती है।
मोर्चे के संयोजक सागर यादव ने कहा कि शिक्षा के व्यवसायीकरण के चलते आम छात्रों के लिए शिक्षा एक सपना बन रही है। बेरोजगारी के चलते प्रदेश का नौजवान अनैतिक रास्ते अख्तियार कर रहा है। देश व प्रदेश की सरकार छात्रों नौजवानों के भविष्य से गंदा खेल खेल रही हैं। उनके पास युवांओं के लिए कोई स्पष्ट नीति नही है। संगोष्ठी में अन्य वक्ताओं के अलावा मुकेश शर्मा, वरूणेन्द्र, आलोक शर्मा, अनुप सिंह, मलखान सिंह, आदि रहे।
संगोष्ठी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभी ने मिलकर सरकार की जनविरोधी, युवा व छात्र विरोधी नीतियाों के खिलाफ एक व्यापक आन्दोलन करने के लिए प्रस्ताव पारित हुआ। जिसके तहत 20 जूलाई से प्रदेश के सभी जिलो में बैठके कर अगस्त के आखिरी सप्ताह में प्रदेश व्यापी सम्मेलन किया जायेगा।
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